वन विभाग की मिली भगत से हो रही है जंगलों की कटाई

डाला। स्थानीय वन रेंज के अन्तर्गत वन चौकी से महज एक किलोमीटर की दूरी पर जंगलो को नष्ट किया जा रहा है,पेडों की मोटाई के उपरांत मूल्य तय होते है जंगल में बेधड़क पेडो की कटाई व छीलाई करके बोटों को निकाल कर वन दरोगा की संलिप्तता से जंगल को समाप्त किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार जंगलों मे वेशकीमती पेडों की कटान कर जंगल को समाप्त करने की षड्यंत्र रची जा रही है, सर्वप्रथम बडे़ बडे़ पेडों की कटाई होती है, उसके पश्चात झुरमुट झडीयों को साफ करके बन दरोगा की संलिप्तता से जुताई भी होने लगती है, इसी तरह धीरे धीरे जंगलो को समाप्त करके बस्तीयां बसती जा रही है, यू ही तेलगुडवा से एक किमी दूर रोड के दोनो तरफ दर्जनों बेश किमती पेड लगातार कट गए जिस पर किसी भी वन कर्मी का निगाह नही पडा, स्थानियों के अनुसार जंगल मे पेडो को कटाने के लिए पेडो के हिसाब से बकायदा मूल्य तय है,

उसके उपरांत ही पेडों की कटाई होती है, पेडों की कटाई व छिलाई करके एक सील्ली बनाने मे कई घंटे लगेगें, तेलगुडवा स्थित बन आवास पर मौजूद बन दरोगा व उनके वाचरो को पता नही चल पता है जिससे आम जन मानस बन दरोगा के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है।एक तरफ जहां लोगों को प्रशासन सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है ,वही कटान कर्ता बेख़ौफ़ होकर जंगलों में पेड़ो को निशाना बना रहे है यह लॉक डाउन उनके गैरकानूनी कार्यों के लिए मुफीद साबित हो रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि लॉक डाउन आम लोगों को घरों में रहने का प्रशासन अपील कर रहा है वहीं लगता है लकड़ी कटानकर्ताओं को खुली छूट दे दिया है इसी लिए वे बेख़ौफ़ अपने कामों को अंजाम दे रहें है।पेड़ो की सुरक्षा करने वाले वन विभाग के दावे हवा हवाई साबित हो रहें है ।इस सन्दर्भ में डाला बन रेंजर अनिल सिंह ने सूचना आप द्वारा मिलि है मै तत्काल प्रभाव से मौके पर जा रहा जाचों परांत जो कोई बन कर्मी शामिल होगा उसके खिलाफ विधिक कार्यवाई की जाएगी।

Translate »