एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यकर्ता प्रशिक्षण सम्पन्न

सोनभद्र।आज प्रशिक्षण सत्र के छठें एवं समापन सत्र के अवसर पर “विश्वविद्यालयों में स्थापित दीनदयाल शोध पीठों की संकल्पना एवं हमारी भूमिका” विषय पर प्रदेश के लगभग 52 जनपदों के प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति *प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह* का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ |

ज्ञातव्य है कि 13 मई से प्रारम्भ इस 6 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में प्रतिष्ठान के *अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डा.महेश चन्द्र शर्मा जी* द्वारा प्रतिदिन प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन सत्रों में विभिन्न विषयों पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं का विस्तार से प्रबोधन किया गया एवं एकात्म मानव वाद के गूढ़तम रहस्यों को बड़े ही सहज भाव से समझाया गया;जिसके उपरान्त आज राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि कोई भी राष्ट्र आयातित विचारों से विकसित एवं परिपुष्ट नहीँ हो सकता, पौधे के तनों को खींच कर नहीँ बढ़ाया जा सकता, बल्कि वह अपने ही जड़ो से तत्व लेकर बढ़ेगा, भारत की पुरातन परम्पराएं समृद्ध एवं दृढ़ हैं |1956 से 1961 की पंचवर्षीय योजना आयातित थी, कालान्तर में नाना जी देशमुख ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों से प्रेरित होकर दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की, जिसमें कृषि तथा अन्य भारतीयता पूर्ण विचारों से ओतप्रोत विकास के अनेकों नए – नए आयाम विकसित किये गए।आज कोविड 19 के वैश्विक संकट ने समस्त विश्व का एवं भारतवासियों का ध्यान आत्मनिर्भरता की ओर आकृष्ट किया है | देश और प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थापित शोधपीठों को अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने के लिये आगे आना पड़ेगा | शोध कार्यों एवं विश्वविद्यालयीय संरचना को सामाजिक सरोकारों के साथ समन्वय स्थापित कर एक अनूकूल परिस्थिति निर्माण का कारक बनाना,आज के समय की आवश्यकता है| जहाँ समस्त नागरिक अपने गुणों को विकसित करते हुए विषम परिस्थितियों में भी विकास के पथ पर अपने मूल के साथ जुड़ कर अग्रसर हो सकें।इस अवसर पर एकात्म प्रतिष्ठान के अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ महेश शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं को अपने -अपने क्षेत्रों में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थापित दीनदयाल शोध पीठों के निदेशकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए समाज की आवश्यकता के अनुरूप आवश्यक विषयों पर शैक्षणिक एवं विकास के अनुरूप वातावरण बनाने के लिए प्रयत्न करना होगा | उन्होंने प्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि विभिन्न स्थानों पर स्थापित शोध पीठों के माध्यम से स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप मॉडल विकसित करने के लिए प्रयत्न करें।प्रतिष्ठान के सह संयोजक प्रोफेसर त्रिलोचन शर्मा ने उत्तर प्रदेश के दीनदयाल शोध पीठों की वर्तमान परिस्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि अभी यह शोधपीठें सेमिनार, कार्यशाला और विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य कर रही हैं | प्रतिष्ठान प्रयत्न करेगा कि आगामी भविष्य में उत्तर प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के शोध पीठ के निदेशकों की एक कार्यशाला आयोजित की जा सके;जिसके माध्यम से भविष्य की योजनाओं की आधारशिला रखी जा सके।
एकात्म प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश के *संयोजक श्री त्रयंबक तिवारी* ने इस छह दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. एन. सिंह एवं प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉक्टर महेश चंद्र शर्मा का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा!कि विगत 6 दिनों में उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं का जिस प्रकार से सक्षम मार्गदर्शन इस प्रशिक्षण अभियान के माध्यम से हुआ है, वह हम सबके लिए एक दिशा बोधक आयोजन सिद्ध हुआ है| कोरोना संकट के काल में ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से प्रदेश के अनेकों जनपदों के कार्यकर्ताओं का मिलन एवं चिंतन उत्साहवर्धक रहा है; निकट भविष्य में एक वृहद योजना बनाकर प्रतिष्ठान संपूर्ण प्रदेश में सामाजिक सरोकारों के दृष्टिगत एक वातावरण निर्माण करने का प्रयत्न करेगा।
प्रशिक्षण अभियान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए प्रतिष्ठान के *सह संयोजक ई. रवि तिवारी* ने कहा कि आज सम्पूर्ण मानवता जी संकट के मुहाने पर खड़ी है ऐसे कालखंड में मानवीय संवेदनाओं से युक्त एकात्मता के विराट स्वरूप को संजोये असंख्य कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है| एकात्म मानव प्रतिष्ठान निरन्तर ऐसे कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया में निरत है| वर्तमान लाकडाउन के समय में उत्तर प्रदेश के चयनित कार्यकर्ताओं का 6 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का ऑनलाइन आयोजन किया गया | जिसका आज विधिवत सामापन हुआ| इस प्रशिक्षण अभियान के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के लगभग 57 जनपदों के कार्यकर्ता प्रतिनिधियों ने विभिन्न सत्रों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की | पूरे प्रशिक्षण सत्र का तकनीकि नियंत्रण एवं संचालन कानपुर क्षेत्र के *संयोजक ई. प्रवीण पांडे के निर्देशन में, ई. अभिनव द्विवेदी, मोहित मिश्र* आदि तकनीकि कौशल युक्त कार्यकर्ताओं की टीम ने किया|
इस प्रशिक्षण अभियान में काशी के क्षेत्रीय संयोजक बाल कृष्ण पाण्डेय, प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. उपेन्द्र देव पाण्डेय, कानपुर के संयोजक प्रवीण पाण्डेय, ब्रज के संयोजक अमितेश अमित, पश्चिम क्षेत्र के प्रभारी डॉ योगेंद्र शर्मा, डॉक्टर शिवा त्रिपाठी, डॉ मंजू बघेल, डॉक्टर स्वाति गर्ग, विश्वविद्यालय आयाम के प्रदेश प्रमुख प्रो. राजेश कुमार सिंह, गोरखपुर क्षेत्र के संयोजक सुधीर पाण्डेय,प्रशिक्षण प्राभारी डॉ.पंकज सिंह पत्रकार मनोज सिंह, पवन पाण्डेय लखीमपुर के ज्योतिर्मय बरतरिया, मोहित मिश्र, डॉ अजय कुमार मिश्र,स्वाध्याय मण्डल के प्रदेश प्रमुख डॉ प्रबुद्ध त्रिपाठी,डॉ.के एन पाठक, डॉ राम दरस मिश्र, डॉक्टर अरुण कांत, प्रियन्क आर्या, डॉ राणा रणधीर सिंह, राजीव पाठक, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अयोध्या के क्षेत्रीय निदेशक डॉ शशि भूषणराम त्रिपाठी, डॉ गोपाल नंदन श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह, डॉ राहुल तिवारी, सहित पूरे प्रदेश के विभिन्न जनपदों से अनेकानेक कार्यकर्ताओं ने सहभाग कियाl

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