एनटीपीसी में कोरोना के कहर को कम करने के लिए काव्य की लहर
आनलाईन कवि सम्मेलन का आनंद
लॉकडाउन नहीं रोक पाया कवियों की भावनाओं को बाहर निकलने से लोगो ने उठाया लुफ्त

शक्तिनगर ;सोनभद्र। एनटीपीसी-सिंगरौली मानव संसाधन-राजभाषा अनुभाग द्वारा लाकडाउन में लोगो को एकजुट करने और नीरसता को जीवंतता प्रदान करने के उदेदष्य से आंचलिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । सोशल डिस्टेंशिंग को ध्यान में रखते हुए यह कवि सम्मेलन हाईटैक व्यवस्था के तहत लाइव टेलीकास्ट से माध्यम आयोजित किया गया । इस कवि सम्मेलन में अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन वि. शिवा प्रसाद ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रतिभाग कर रहे कवियों को बधाईयां देते हुए कहा कि जहां लगभग दो माह से अधिक समय हम अकाल्पनिक बिमारी कोरोना से बचाव के उपायो को तलाश रहे है और लगातार सभी की मन मानसिकता केवल-केवल कोरोना की चर्चा में गुजर रहा है इस वक्त में दिमाग को दूसरी ओर मोड के लिए कविगण का प्रयास सार्थक होगा इसी के साथ इस नवीनतम तकनीकी के माध्यम से आयोजित काव्य पाठ की सफलता के प्रति अपनी शुभकामनायें दी । लाइव टेलीकास्ट काव्य पाठ में आलोक चंद्र ठाकुर डा0योगेन्द्र मिश्र, श्रीमती साधना सोपेकर, रामाकान्त पाण्डेय, , एसएनएस यादव ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से आनंदित किया वहीं कोरोना की चर्चा से थोडे समय ही सही पर अलग रखा । अपने काव्य पाठ में कवि श्री रामाकान्त ने कोरोना के कारणों का जिक्र करते हुए प्रकृति से छेडछाड न करने का आग्रह व्यक्त किया वहीं वे ए.के.एस यादव, अधिकारी प्रचालन एवं अनुरक्षण ने अपनी रचनाओं में कोरोना महामारी से भय न खाने का परामर्ष रखते हुए इसके बचाव के पुरातन उपायोग की जानकारी दी। श्रीमती साधना शर्मा ने वाणी वंदना से काव्य संध्या की शुरूआत की …..। काव्य पाठ का संचालन कर रहे कवि डा0योगेन्द्र मिश्र ने तुम क्या समझोगे, दिल कैसा होता है हिंदुस्तानी का, हम घर की आग बुझाते हैं, हम दिल की जोत जलाते हैं काव्य पाठ की पर तालियों की गडगडाहट गूंज उठी । अध्यक्षता कर रहे आलोक चन्द्र ठाकुर, अपर महाप्रबंधक रामागुण्डम सुपर थर्मल पावर स्टेशन ने सबसे बढकर देश कविता की इस देष की खातिर जीना है देष पर ही मर जाना है पंक्तियों पर खूब वाहवाही लूटी एक काव्य पाठ के साथ आयोजक सिंगरौली विद्युत गृह के मानव संसाधन-राजभाषा अनुभाग के इस प्रयास को काबिले तारीब बताते हुए सभी कवि गण को अपने व्यस्तम समय से समय निकाल कर क्षेत्रीय जनता का ब्रेन बॉष करने तथा कोरोना की दहस्त से निकालने उबारने के निमित्त इस कवि सम्मेलन को बेहतर प्रयास बताया तथा कहा कि आदमी लगातार एक ही बात सोचता है तो उसके मन दिमाग में भय जैसा वातावरण बनता है हमें विष्वास है कि यह काव्यपाठ श्रोताओं की मन विचार में परिवर्तन लायेगा । आदेश पांडेय के आभार ज्ञापन के साथ लाइव टेलीकास्ट माध्यम से आयोजित काव्य संध्या सम्पन्न हुई । श्बताते चले कि इस कार्यक्रम को श्रोताओं की बहुत प्रषंसा मिल रही है । कारण यह कि लॉक डाउन के दौरान लगभग सभी तरह की साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियां बन्द चल रही है इस वक्त में काव्य धर्मी-काव्य प्रेमी बिना कही जाये ,बिना कही बैठे अपने घरों से उत्कृष्ट रचनाकारों की रचनाओं का आनंद उठाया।
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