
सोनभद्र। श्याम उमर रावर्ट्सगंज ने माँ के चरणों मे बन्दना करते हुये अपनी पीड़ा का अनुभव करते हुये कहा कि मदर्स डे पर से हमे यहसास होता है कि मां तो मां होती है जिसकी जगह इस संसार में कोई नहीं ले सकता है भगवान की वह अनोखी रचना जो निस्वार्थ भाव से पालन करती है हमारे साथ कभी हंसती तो कभी रोती है तो हमें डांट कर खुद भी उदास होती है भूखे रहकर हमें खाना खिलाती है जो हमारी हर अदा हर बलिहारी जाती है वह कोई और नहीं सिर्फ और सिर्फ हमारी मां होती है मां हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वह हमें सभी परेशानियों से बचाती है वह कभी अपनी परेशानियों का ध्यान नहीं देती और हर समय बस हमें यही सुनती है और तो और भगवान हर जगह मौजूद नहीं रह सकता इसलिए उसने मां को बनाया है दूसरे शब्दों में कहें तो मां धरती पर भगवान का प्रतिरूप ही है वह ना सिर्फ अपने बच्चों को देखभाल करती है मां का हर सफलता के पीछे हाथ होता है
दुनिया में ईश्वर की बनाई सबसे खूबसूरत कोई रचना है, तो वह है मां। दुनिया में कोई प्रेम का समंदर है, तो वह है मां का दिल। बेटा चाहें जैसा भी हो, लेकिन मां के लिए वह दुनिया में सबसे अच्छा होता है। कोई मुसीबत हो तो मां आगे खड़े होकर हर खतरे, हर जोखिम से बच्चों की रक्षा करती है। अपने आंचल की छांव में उसे दुनिया जहान का सुख देती है। उसी मां को प्यार देने के लिए, उसके समर्पण के लिए उसे सम्मान देने के लिए, उसे याद करने के लिए और उसे याद दिलाने के लिए कि वह हमारे लिए कितनी स्पेशल है, हर साल मई के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
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