कोविड-19 के संक्रमण से हिफाजत के लिए रोजा-ए-शहरी-ए-इफ्तार तथा तरावीह व नमाज अदा अपने-अपने घरों पर ही करें:डीएम

डीएम -एस पी ने पवित्र रमजान महीना शुरू होने से पहले मुस्लिम धर्मगुरूओं से बैठक कर सोशल डिस्टेन्स की लक्ष्मण रेखा न पार करने की अपील

सोनभद्र।पवित्र रमजान महीना शुरू होने वाला है, 24 या 25 अप्रैल, 2020 से पवित्र रमजान का महीना शुरू होकर 24 मई, 2020 तक चलेगा। मुस्लिम समाज के लोग चॉद देखने के मुताबिक अपने पवित्र रमजान माह की शुरूआत करते हैं। अनेक मुस्लिम धर्मगुरूओं द्वारा रमजान के इस पवित्र महीने में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश और जारी एडवायजरी का पालन करते हुए सोशल डिस्टेसिंग के साथ अपने-अपने घरों में रहकर रोजा-ए-शहरी-ए-इफ्तार तथा तरावीह व नमाज अदा करने की अपील की जा रही है। उक्त अपील जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम व पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने सोनभद्र जिले के सभी मुस्लिम धर्मगुरूओं और मुस्लिम समाज के लोगों से की है। अधिकारियों ने अपने अपील में कहा है कि मुस्लिम समाज के नागरिक इस पवित्र माह में रोजे के दौरान समाज, जिला, प्रदेश व देश यानी राष्ट्रहित में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से हिफाजत के लिए सभी को सुबह प्रात काल शहरी तथा शाम इफ्तार अपने-अपने घरों पर ही करें। सामूहिक रूप से रोजा इफ्तार बिल्कुल न करें, इसके साथ ही तरावीह व पांचों वक्त की नमाज अपने घरों में ही अदा करें। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस समय पूरा देश लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है और हर प्रदेश की सरकार व शासन व प्रशासन अपने लोगों से इस महामारी के संक्रमण से बचाने में लगा है, क्योंकि कोरोना कोविड-19 ऐसा वायरस है, जो एक दूसरे के सम्पर्क से फैलता है। इसलिए मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगायी गयी है। मस्जिदों में नमाज पढ़ने से संक्रमण का खतरा देखते हुए ऐसा किया गया है। एक संक्रमित व्यक्ति हजारों इंसानों को संक्रमित कर सकता है। परिवार का एक भी सदस्य संक्रमित होने पर पूरे परिवार में कोरोना का संक्रमण फैला सकता है। ऐसी सूरत में यह बेहद जरूरी है कि मुसलमान बन्धु अपने-अपने घरों में ही रहकर पांचों वक्तों की नमाज अदा करने के साथ ही सुबह/भोर में शहरी व सूर्यास्त यानी मगरीब के वक्त रोजा इफ्तार अपने घरों पर ही करें। सोशल डिस्टेन्स का पालन करें। जिला प्रशासन रोजेदारों का हर समय सहयोग के लिए तत्पर रहेगा। लोगों को घरों में रहने के लिए कहें। कोरोना वायरस जाति, धर्म, मजहब देखकर नहीं फैलता, बल्कि कोरोना संक्रमित मरीज के माध्यम से सभी धर्मों में फैलता है। कोरोना सिर्फ मानव शरीर चाहिए, उसे धर्म से लेना-देना नहीं है, लिहाजा सभी धर्मों के धर्मगुरूओं से अपील की जाती है कि वे कोई भी धार्मिक कार्य भीड़-भाड़ के साथ न करें। हर हाल में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें और नागरिकों से सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए अनुरोध भी करें। उन्होंने व्यक्तिगत सफाई पर ध्यान देने के साथ ही थोड़े-थोड़े अन्तराल पर बार-बार साबुन से हाथ धोने की अपील की और कहा कि जान है, तो जहान है, मानव जीवन यानी लोक कल्याण के लिए कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सबसे जरूरत काम लॉकडाउन का पालन करना यानी घरों में रहना, सामाजिक दूरी बनाये रखना, व्यक्तिगत सफाई पर ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि हम, आप हमारा परिवार तथा हमारे सामाज के लोग सभी सुरक्षित रहेंगें। तभी स्वस्थ्य रहेंगें, तभी समाज स्वास्थ्य रहेगा और तभी देश स्वस्थ्य रहेगा। उन्होंने कहा कि खुद व अपने परिवार तथा देश की भलाई के लिए लॉकडाउन का पालन बेहद जरूरी है। उक्त जानकारी सूचना विभाग के नेसार अहमद ने दी।

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