लखनऊ:।उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को बिक्री के और अधिक विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में स्थापित 5000 मैट्रिक टन से अधिक क्षमता वाले शीतगृहों को मण्डी उप स्थल घोषित करने का निर्णय लिया है। इससे खेती किसानी से जुड़े लोगों को शीतगृहों पर क्रय-विक्रय के अवसर सुलभ होंगे और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
इस संबंध में प्रमुख सचिव उद्यान श्री बी0एल0 मीणा ने आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश में निर्गत दिशा-निर्देर्शों के अनुसार प्रदेश में स्थापित कोई भी शीतगृह/भण्डारागार, साइलो आदि जिसकी भण्डारण क्षमता 5000 मैट्रिक टन से कम न हो, के मालिक निदेशक कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, के यहां मण्डी उप स्थल बनाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए लाइसेंस शुल्क न्यूनतम तीन वर्ष के लिए देय होगा। प्रति वर्ष 2000 रुपये या 20 हजार रुपये बीस वर्षों हेतु तथा 05 लाख रुपये की प्रतिभूति धनराशि सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया सकता है।
शासनादेश के आधार पर लाइसेंसधारी शीतगृह को उपमण्डी स्थल चिन्हित किया जायेगा। चिन्हांकन के पश्चात मण्डी नियमों के तहत क्रय-विक्रय किया जायेगा।