जिला पूर्ति अधिकारी ने गल्ला वितरण का किया निरीक्षण, समाजसेवी ने बनी हुई सूची पर लगाया लापरवाही का आरोप

-वरिष्ठ समाजसेवी पंकज पाण्डेय, शासन द्वारा बनाई गई लिस्ट में बरती गई लापरवाही का लगाया आरोप
-नोडल अधिकारी ने गल्ला लेने आए लोगों का साबुन से हाथ धुलाकर कराया गल्ला वितरित
-तीन राज्यों में गल्ला वितरण कि प्रक्रिया बदली गई है उसी आधार पर मैनुअली गल्ला वितरण किया जाए …..पंकज पाण्डेय

सोनभद्र(शिव प्रकाश पाण्डेय) राबर्ट्सगंज विकास खण्ड ग्राम पंचायत पेटराही पाण्डेय मे नोडल अधिकारी शर्मिला गुप्ता के फोन करने पर सरकारी गल्ले की दुकान का जिला पूर्ति अधिकारी डॉ राकेश त्रिपाठी ने किया निरीक्षण। दुकानदार को निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्ड धारकों को मशीन पंचिंग के आधार पर ही गल्ला दिया जाए। वहीं दुकान पर मौजूद वरिष्ठ समाजसेवी पंकज पाण्डेय ने जिला पूर्ति अधिकारी को गल्ला वितरण में होने वाली समस्या को लेकर अवगत कराया है कि नेट सही तरीके से नहीं चल रहा है। बहुत धीमी गति चल रहा है जिससे दुकानदार को गल्ला वितरण प्रणाली में कडी कठिनाइयों का सामना करना पड है। समय पर कार्ड धारकों को गल्ला नहीं मिलने से एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है लोग(मजदूर) लाँक डाउन के वजह से रोज मजदूरी कर के अपना जीवन यापन करने वाले लोगों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए है। ऐसे में कडी धूप में राशन लेने के लिए सुबह से शाम भूखे प्यासे लोगों को लाइन के कतार में लगकर राशन लेना बड़ी चुनौती है। वहीं जिला पूर्ति अधिकारी श्री त्रिपाठी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जो भी गल्ला दिया जाएगा लोगों को मशीन से पंचिंग करके ही दिया जाएगा। अभी तक सरकार और जिलाधिकारी से हमें कोई ऐसी गाइडलाइन नहीं मिली है जिससे मैनुअली गला वितरण किया जा सके। इसके लिए जिलाधिकारी से संपर्क करें। वही जो सूची बनाई गई है ग्राम पंचायत के नियमित मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों का सूची से नाम गायब है और सूची में जिनको प्रधानमंत्री आवास दिया गया है, जिनका निर्माण कार्य चल रहा है पात्रता में उन्हीं लोगों को रखा गया है जो पूर्ण रूप गलत है। ऐसे में सरकारी गल्ला विक्रेता दुकानदार द्वारा लोगों को गल्ला वितरित करना एक चुनौती बन गया है लोगों द्वारा दुकानदार पर तरह-तरह से दबाव बनाया जा रहा है। दुकानदार भी करे तो क्या करें क्योंकि वह भी सच्चाई जानता है ऐसे में बड़ी चुनौती है गल्ला वितरण को लेकर वहीं ग्रामीणों में गल्ला वितरण को लेकर आक्रोश व्याप्त है किसी भी समय आंदोलन हो सकता है।

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