विंढमगंज शिवरात्रि मेलें में उमड़ा श्रद्धालुओं की भीड़

ओम प्रकाश रावत विंढमगंज (सोनभद्र)

शिव मंदिर रेघड़ा घिवही ग्राम व शीव पहाड़ी देवडी ग्राम में महा शिवरात्रि पर उमड़ा श्रद्धालुओं की भीड़।दो दिवसीय मेला सम्पंन भीड़ के मद्देनजर स्थानीय पुलिस फोर्स व पीएसी बल रही पूरी तरह मुस्तैद

विंढमगंज सोनभद्र। वर्षों से ही थाना क्षेत्र के घिवही व देवड़ी ग्राम पंचायत में स्थित रेघडा शिव मंदिर व शीव पहाड़ी पर महा शिवरात्रि के अवसर पर लगने वाला दो दिवसीय मेला शुक्रवार को सकुशल सम्पन हो गया।मेला में अल सुबह 4बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। घिवही में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक व शिव मंदिर पर कथा सुनने व जलाभिषेक करने का सिलसिला शांम 5 बजे तक चलता रहा।मेला में इलाके के अलावा छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के भी श्रद्धालु बड़ी संख्या यहां में आते है।।यहां पर ऐसी मान्यता व पंडित गुप्तनाथ तिवारी द्वारा लिखित दुध्दी प्रदीपिका में उल्लेखित है कि देवड़ी ग्राम में कनहर नदी के किनारे स्थित शिव पहाड़ी से ही झारखंड राज्य के बंशीधर नगर मैं विराजमान बंशीधर जी का प्रतिमा यहीं से निकली है उक्त प्रतिमा को बंशीधर नगर गढ़ के रानी ले जाते समय घीवही ग्राम पंचायत में बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग पर काफी अखंड व पूजन मनौती मन्नत मांगने के बाद काफिला आगे बढ़ा था यहां पर जो भी सच्चे हृदय से मन्नत मांगते हैं उनकी मन की मुराद अवश्य पूरी होती है महा शिवरात्रि बाबा भोले नाथ के दर्शन व पूजन से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर कमेटी के संरक्षक दिनेश यादव, देवबंश यादव व प्रबंधक अरुण कुशवाहा के साथ-साथ उमाशंकर शर्मा कृपा शंकर कुशवाहा संदीप शर्मा जितेंद्र भारती के अलावा विंढमगंज थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह के निर्देशन में सिविल पुलिस व एक प्लाटून पी ए सी मेला क्षेत्र में पूरे दिन भ्रमड करते रहे।
गुणहियाजलेबी ,लकठो, खुरमा रहा मेले का दिव्य व्यंजन
मेले में दर्जनों जगहों पर पुराने समय से ही प्रसिद्ध गुडहियाजलेबी, लकठो खुरमा की दुकान सजी हुई थी दर्शन व पूजन के साथ-साथ मेला घूमने आय दूरदराज के हजारों लोगों ने उक्त मिष्ठान का भरपूर आनंद उठाया लोग इन मिष्ठान को खरीद कर अपने छोटे-छोटे बच्चों को खिला रहे थे व बता रहे थे कि यह पुराने समय का सुपर मिठाई है छोटे-छोटे बच्चे बड़े चाव के साथ उक्त मिठाई का भोग लगा रहे थे तथा अपने माता-पिता व दादा दादी के जमाने की मिठाई खाकर प्रफुल्लित हो रहे थे

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