दुद्धी बभनी और म्योरपुर ब्लाक के सभी लैंपसों में पंद्रह दिनों से धान खरीदी बन्द

पोर्टल बंद होने का बहाना लेकिन रोज-रोज स्टाक कैसे बढ़ रहा है

अन्नदाताओं की आय दुगुना करने के बजाय आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है सुशासन की सरकार।

ग्रामीणों की मानें तो अब तक जितनी धान खरीदी हुई है उसमें आधे से ज्यादा दलालों के माध्यम से

सोनभद्र। गांव-गांव जाकर ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को लेकर समाधान करने कोशिश में लगे उप्र कांग्रेस के पूर्व पीसीसी सदस्य श्री वीके मिश्रा ने बताया कि दुद्धी बभनी और म्योरपुर ब्लाक के अंतर्गत दो दर्जन से अधिक कार्यरत लैंपस और खाद्य रसद विभाग के तीन-चार क्रय केंद्रों पर जा-जाकर जब धान खरीद के मामले में किसानों से इस बाबत बात किया तो बहुत ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं किसानों का कहना है कि हमने महीनों से खून पसीने एक करके जब अपनी फसल लैंपस लेकर आते हैं तो शायद ही कभी भी मेरी उपज को एक दिन में लैंपस अधिकारियों द्वारा आज तक लिया गया हो, होता यह है कि हम अपने धान गेहूं को जब क्रय केंद्रों पर लाते हैं उसी समय तरह-तरह के सूचनाएं मिलने लगती हैं और कहा जाता है क्रय कार्य तंय मानक के अनुरूप पूरा हो चुका है या फिर पोर्टल बंद है अथवा अगले आदेश तक क्रय कार्य अधिकारियों के आदेश से बंद है इस तरह के फरमान के बाद हम किसानों के समक्ष दो स्थिती परिस्थिति दिखाई देती है पहली यह कि हम मजबूर होकर अपने खर्चे पर टेंट लगाकर अपनी फसल अपनी चौबिसों घंटे की निगरानी में यहीं केंद्र पर रखें ताकि चोरी न हो जाए। दूसरी यह कि हम अपनी फसल और अपने ऊपर आग लगाकर राख कर दें, क्योंकि फसल को बोने से लेकर काटने तक खाद पानी से लेकर मजदूरी तक हम निरीह किसान सेठ से लेकर बैंको तक कर्ज से आकंठ डूब चुके होते हैं । हमारे सामने कर्ज चुकाने से लेकर परिवार की अन्य जिम्मेदारियों तक का बहुत बड़ा प्रेसर होता है । ऐसा करते-करते वर्षोंं बाद जब दो हजार चौदह में मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले टीवी, अखबारों में बोलते हुए नजर आए कि हम अन्न दाताओं की रोज-रोज की नई-नई परेशानियों को सदैव-सदैव के लिए समाप्त करते हुए किसानों की आय को दो गुना से ज्यादा कर देंगे तो हम देश के किसानों ने उन्हें हाथों हाथ लिया और प्रचंड बहुमत से जिताया लेकिन बहुत ही अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हम सबके साथ बहुत बड़ा धोखा दिया है मोदी जी ने । सपा बसपा और भाजपा की सरकारों ने हमें सहानुभूति दिखाकर पहले वोट दिया फिर हमारे हालात के साथ मजाक किया और हमारी जिंदगी को पिछले तीस वर्षों से निरंतर बद से बद्तर स्थित में पहुंचा दिया है । श्री मिश्रा ने आगे बताया कि जब लैंपस अधिकारियों से किसानों के बाबत बात किया तो लगभग सभी लैंपसो और डीपो अधिकारियों ने जो बताया वह समझ के बाहर लगा लिलासी, दुद्धी आरंगपानी,सांगोबांध,जरहा,चपकी,चैनपुर के इंचार्जों ने कहा कि धान खरीदी बन्द हो चुकी है, मानक भी पूरा हो चुका है , पोर्टल इसीलिए बंद हो चुका है,अब यदि ऊपर से पुनः कोई आदेश आया तो फिर धान खरीदी हो सकती है अन्यथा की स्थिति में कुछ कह पाना मुश्किल है। उपरोक्त लैंपसों से संबंधित लगभग सभी किसानों ने आरोप लगाया है कि लैपस इंचार्जों एवं मार्केटिंग इंस्पेक्टरों द्वारा बड़े पैमाने पर दलालों के माध्यम से बिना क्रय केंद्रों पर धान लाए ही पर्ची और ट्रक देकर दलालों की धान सीधे-सीधे मिलों पर भेजवा दिया गया है और हम किसान केन्द्रों पर महीनों से रोज-रोज चौकीदारी करते रहे लेकिन कागज पर धान खरीदी कैसे होता रहा। जिन-जिन किसानों का सौभाग्य बस धान खरीदी हो चुका है वह पैसे प्राप्त करने के लिए रोज-रोज ईश्वर से प्रार्थना करता दिखाई देता है कि हे भगवान आज मेरा पैसे देश की सबसे ज्यादा सुशासन का दावा करने वाली सरकार से दिलवा दो श्री मिश्रा ने आगे बताया कि जब हमने जिले हेड पीसीयफ धीरेन्द्र सिंह के मोबाइल नंबर 9760145075 पर उपरोक्त से संबंधित समस्याओं पर बात किया तो उन्होंने ने बताया कि शासन से धान खरीदी बन्द हो चुकी है क्योंकि मानक पूरा हो चुका है। और जब हमने उन्हें दलालों के माध्यम से धान खरीदी कार्यक्रम के संदर्भ में सवाल करते हुए अनुरोध किया कि आप संबंधित लैंपस अधिकारियों और मार्केटिंग इंस्पेक्टरों को बिना सूचित किए मेरे साथ चल कर दो एक केंद्रों की कार्यप्रणाली को देखिए और यदि आप को भी साक्ष्य मिले तो अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कीजिए तो चुप्पी साधते हुए उन्होंने फोन कट कर दिया फिर दोबारा फोन नहीं उठाया। उप्र कांग्रेस के पूर्व सदस्य श्री मिश्रा ने जिलाधिकारी, कमिश्नर और मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर उपरोक्त से अवगत कराते हुए आग्रह किया है कि किसानों के उपज का दूना कीजिए या मत कीजिए कम-से-कम कम उपज को समय से खरीद कर अन्न दाताओं के पैसे देना सुनिश्चित कीजिए अन्यथा मरता किसान क्या करें…????

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