बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
रावण के अंदर काम और दुर्योधन के अंदर लोभ को नियंत्रित न हो पाने से हुआ विनाश।
अग्निमंथन के दौरान यज्ञाचार्यों के कठिन प्रयासों से धधक उठी अग्नि की ज्वाला।
शंखध्वनि व जयकारों से गूंज उठा यज्ञशाला घंटों होते रहे मंत्रोच्चार।
लकड़ी के घर्षण से किया गया अग्निमंथन।
बभनी। थाना क्षेत्र के समीप स्थानीय कस्बे चीकूटोला में स्थित प्राचीन बुढ़वा मंदिर में चल रहे यज्ञ व प्रवचन के दौरान विदुषी व ज्योतिष परामर्श साध्वी विभाजी ने कथा के दूसरे दिन काम क्रोध लोभ और मोह से होने वाले विनाश की जानकारी देते हुए बताया कि जो व्यक्ति काम क्रोध लोभ और मोह इन चारों पर नियंत्रण नहीं रख पाया उसका विनाश निश्चित है चाहे आदिकाल हो या आधुनिक काल और अनंतकाल की भविष्यवाणी भी है चाहे स्त्री हो या पुरुष इसी तथ्यों का समावेश करते हुए भक्तों को बताया कि महाभारत में दुर्योधन लोभ और रावण के काम को अपने वश में न कर पाने के कारण केवल अपना ही नहीं बल्कि अपने कुल का विनाश कर बैठा रावण के अंदर प्रखंड ज्ञान और चारों वेद अट्ठारहों पुराणों का ज्ञाता होने के बावजूद वह काम पर नियंत्रण न रख पाने के कारण उसकी बुद्धि भी मंद पड़ गई इसी के साथ-साथ उन्होंने श्रोताओं को परमज्ञान की धाराओं के माध्यम से प्रवाहित किया और अपने मुखारविंद से अभिसिंचित करती रहीं।इसी के साथ चल रहे यज्ञ के दूसरे दिन आज अग्निमंथन को लेकर सभी यज्ञाचार्यों ने कठिन परिश्रम भी किया पहले अपने यजमानों से अग्निमंथन कराया परंतु अग्नि प्रकट नहीं हो सकी जब आचार्य वृजेशशरण शास्त्री ध्रुव पांडेय अनुपम पांडेय राम प्रकाश शर्मा बजरंगी मिश्रा दयानंद पांडेय सत्यम तिवारी के अथक प्रयास से अग्नि की ज्वाला निकल पड़ी जो लकड़ी के घर्षण से अग्निमंथन किया जाता है। विदुषी साध्वी विभाजी ने बताया कि हम अपने प्रवचन के दौरान ज्योतिष परामर्श के लिए भी अतिरिक्त समय देते हैं जो नि: शुल्क होता है।