कोई किसी को तेरे नाम से पुकारे तो यह दिल बड़ी शिद्दत से धड़कता है

रात भर वाह वाह और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा ऑडिटोरियम हॉल
अनपरा। हिंदी विकास समिति अनपरा के तत्वाधान में गुरुवार की रात अनपरा स्थित ऑडिटोरियम में जबरदस्त कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश के नामचीन कवियों ने शिरकत की इस दौरान भोर के 3:00 बजे तक कविताओं के एक-एक नुक्ते पर कभी कब कहा कहे तो कभी वाह वाह से पूरा पंडाल गूंजता रहा। हास्य कवियों ने अपनी कविताओं से उपस्थित श्रोताओं को गुदगुदा ते हुए लोटपोट कर दिया, कवि सम्मेलन का आगाज रश्मि शाक्य ने वाणी वंदना से किया उन्होंने पढ़ा मां वीणा वादिनी को हे मां सरस्वती अभय अश्मित अमृता का वरदान दे दो,इसके बाद स्थानीय कवि इंजीनियर एलबी यादव ने अपनी ओजपूर्ण कविता से उपस्थित लोगों में ओज भर दिया। खागा से आए हुए हास्य कवि समीर शुक्ला ने आते ही अपने हाव-भाव और अवधि स्टाइल से लोगों को गुदगुदाना शुरू किया उपस्थित श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनके हर एक कविताओं का खैर मकदम किया। रायपुर से आए कवि रमेश विश्वास ने गंधर्व विद्या की मुक्तक पर लोगों में प्रेम की अलख जगाई उन्होंने पढ़ा सेहत से मैं जवान था 70 का हो गया-आंधी से उड़ाए हुए छप्पर सा हो गया, दुनिया के झूठे प्यार ने इतना छला मुझे मिट्टी सा जो कलेजा था वो पत्थर सा हो गया, उन्होंने तरुणाई किशोरा और युवावस्था में प्रेमी और प्रेमिका के मध्य के होने वाले संवाद को अपनी कविताओं के माध्यम से जीवंत कर दिया। हास्य कवि के बादशाह डंडा बनारसी ने आते ही अपनी कविताओं और हावभाव के माध्यम से अनपरा के सुधी श्रोताओं को इतना हंसाया कि लोग लोटपोट हो गये, कईयों ने अपने पेट पकड़ लिए,बेवफाई भी करो तो ठीक से सिस्टर की उनकी कविता श्रोताओं ने खूब पसंद किया।बलिया से आई का कवित्री ज्योतिष जलज ने पड़ा गद्दारों की बातें सुन जलज ज्वाला बन जाती है। इसके बाद गाजीपुर से आई श्रीमती रश्मि शाक्य ने फिर से अपनी कविताओं के माध्यम से प्रेम की अलख जगाई पढा तेरे होठों पर मेरा नाम रहे न रहे कोई किसी को तेरे नाम से पुकारे तो यह दिल बड़ी शिद्दत से धड़कता है जिसे श्रोताओं ने काफी पसंद किया।देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई से आये लाफ्टर चैंपियन रहे कवि अशोक सुंदरानी जी ने आते ही श्रोताओं को हंसाना और गुदगुदाना शुरू कर दिया यह सिलसिला जब तक वह कविताएं पढ़ते रहे तब तक चलता रहा,उन्होंने जूता रोया फूट-फूटकर, हम कभी कपड़ों से कभी चरणों से चुने गए।जब हम उतरे श्री राम के चरणों से तो खड़ाऊं के रूप में 14 वर्षो तक अयोध्या का राज चलाया, कविता पढ़कर कविताओं की सुविधाओं की वाहवाही लूटी। पटना से पधारे राष्ट्रवाद के कवि शंकर कैमुरी ने वर्तमान परिवेश पर कविताएं सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी उन्होंने पढ़ा आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।कार्यक्रम के संयोजक कवि कमलेश राज हंस संचालन कर अपनी विद्वत्ता का परिचय दिया।

सम्मेलन के अंत मे गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने माखनचोर पर कविताएं सुनाकर माहौल को कृष्ण मय बना दिया। इससे पूर्व मां सरस्वती के चित्र पर पूजन व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य महाप्रबंधक एचपी सिंह, महाप्रबंधक दीपक कुमार, एमके सचा, आरके तिवारी उप मुख्यलेखाधिकारीअखिलेश त्रिपाठी, देवेंद्र शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष ए के राय,सह संयोजक जयनारायण गौतम,हरी शंकर चौधरी,आर एन तिवारी,के के पांडेय, अजय द्विवेदी,भूपेंद्र पाठक, अभिषेक बरनवाल शुभम गुप्ता और ओ पी सिंह मौजूद रहे

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