कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने जाना शक्तिनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के विकाश कार्यो का लेख जोखा

बृजेश मिश्रा

रेनुकूट सोनभद्र। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल वीके मिश्रा पूर्व पीसीसी सदस्य उप्र कांग्रेस के नेतृत्व में आज दिनांक 29 जनवरी को कार्यालय अपर जिलाधिकारी (सचिव) शक्तिनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण मुरलीगढ़ पिपरी में जनसूचना अधिकारी अधिनियम 2005के तहत इस प्राधिकरण की स्थापना काल 2 नंवबर 1985 से अब तक विभिन्न स्रोतों से मिलने वाले वर्षवार पूरी-पूरी आय साथ ही साथ ही साथ विकास के किन-किन परियोजनाओं में वर्षवार कितना-कितना किस-किस लोकेशन पर खर्च किया गया है पता सहित संपू्र्ण जानकारियों की मांग किया गया है। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य कांग्रेस की बरीष्ठ नेत्री श्रीमती विंदू गिरी एवं ओमप्रकाश सिंह ब्लाक अध्यक्ष म्योरपुर सहित श्री मिश्रा ने यह आरोप लगाया है कि तत्तकालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने इस क्षेत्र को विशेष क्षेत्र का दर्जा देते हुए सोन नदी के दक्षिण यानी की कुल साढ़े तीन ब्लाक दुद्धी बभनी और म्योरपुर चोपन का कुछ हिस्सों में आदिवासियों, बनवासिनियों,जनजातियों एवं देश के सबसे पिछड़े वर्गों के निवासियों के विकास कार्य के लिए इस प्राधिकरण की आय को केंद्रिय कर (कोयले) से एक करोड़ माहवारी देने की ब्यवस्था की थी साथ राज्य सरकार को भी निर्देश दिया था कि वह बालू मोरन और गिट्टी की रायल्टी से लगभग पांच लाख रुपए मांहवारी की ब्यवस्था करे ताकि यह क्षेत्र भी जहां राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के कारखानों की भरमार है वहां का स्थानीय विकास भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो सके। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों ने खेद और दुःख प्रगट करते हुए आगे कहा कि काश् यदि आज उत्तर प्रदेश में हांथी घोड़ा,गदहा एवं तथाकथित सुशासन वालों की सरकारों के बजाय कांग्रेस की सरकार उत्तर प्रदेश में होती तो शायद स्वर्गीय राजीव गांधी जी का सपना भी साकार होता दिखाई देता और बनवासिनियों की सामाजिक राजनीतिक एवं ब्यक्तिगत आर्थिक स्थिति में विकासशीलता भी दिखाई देती। बेहद अफसोस प्रगट करते हुए कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम यह आरोप लगाया कि अब तक कुल पैंतिस सालों के चार सौ बीस महीनों 420×1.05 करोड़ = कुल चारसौ एकतालिस करोड़ इस विशेष क्षेत्र प्राधिकरण को मिले। लेकिन इस 441 करोड़ रूपए से एक भी काम ऐसा नहीं जो कहीं भी दिखाई दे। इस सारे का सारे पैसा का अधिकतर हिस्सा स्थानीय विधायकों, सांसदों,अधिकारियों कार्यदाई संस्थाओं एवं उनके चहेते तथाकथित ठेकेदारों की जेब में लगातार जा रहा है इसीलिए विकास का एक भी मांडल जनता के सामने दिखाई नहीं देता । प्रतिनिधिमंडल ने पदेन सचिव से पूंछा है कि यदि आपने सही कार्य किया है तो धरातल पर स्थलीय जांच हेतु कोई टेक्निकल एक्सपर्ट टीम जो प्रदेश की सबसे बड़ी और विश्वसनीय संस्था का नाम और पता बताया जाय ताकि जनता के सर्वोच्च तथाकथित सेवकों और चौकीदारों माननीय विधायकों सांसदों व अधिकारियों की सेवा को कसौटी की तराजू पर तौला जा सके और जनपद के लाखों लाख एवं प्रदेश की करोड़ करोड़ लोगों को यह पता चल सके कि हमारे रखवले कैसा काम करते हैं ।

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