दलित आदिवासी विरोधी है एनआरसी – मजदूर किसान मंच

दारापुरी की रिहाई के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू
सोनभद्र, 25 दिसम्बर 2019 – राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और संशोधित नागरिकता कानून दलित और आदिवासी विरोधी है क्योंकि इस कानून के तहत 1971 से पहले का नागरिकता प्रमाण मांगा जा रहा है जिसमे प्रमुख रूप से मतदाता सूची व जमीन संबंधी प्रमाण मांगे जाएंगे जो मजदूर, दलित, आदिवासी और समाज के सभी कमजोर तबकों के लिए दे पाना बेहद कठिन है इसीलिए इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। आरएसएस और भाजपा के दलित आदिवासियों को नागरिकता से वंचित करने के प्रयास का गाँव-गाँव भंडा फोड़ किया जाएगा। यह प्रस्ताव आज म्योरपुर में मजदूर किसान मंच द्वारा हुए जन संवाद में लिया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया की प्रख्यात अम्बेडकरवादी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, मजदूर किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व आईपीएस एस आर दारापुरी की रिहाई के लिए दुदधी तहसील के हर गाँव में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और बड़ी संख्या में हस्ताक्षर करा कर मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करते हुए नेताओं ने कहा कि इस अभियान के दौरान जनता को बताया जाएगा की दारपुरी जी की गिरफ़्तारी राजनीतिक बदले की भावना से प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई है। दारपुरी जी कैंसर के मरीज होने और 76 साल की उम्र होने के बावजूद सरकार की हर जन विरोधी, लोकतंत्र विरोधी, दलित आदिवासी विरोधी करवाहियों का विरोध कर रहे थे। इसीलिए वह योगी सरकार की आँख की किरकिरी बने हुए थे। दारापुरी जी एक अनुशाशित नागरिक होने के नाते कभी भी हिंसा एवं अराजक करवाहियों के समर्थक नहीं थे पर वह लोगों के संविधान प्रदत अधिकारों को लोकतान्त्रिक शांतिपूर्ण ढंग से दिलाने के लिए प्रतिबद्ध थे। आरएसएस और भाजपा असहमति को बर्दाश्त नहीं कर पाते इसीलिए वह उन सारे लोगों के खिलाफ बदले की भावना से कारवाही करते हैं जो जनपक्षधर हैं। बैठक का संचालन कृपाशंकर पनिका और अध्यक्षता मजदूर किसान मंच के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड ने की। बैठक में मंगरू प्रसाद गोंड, पूर्व बीडीसी राम दास गोंड, बंसलाल गोंड, मनोहर गोंड, सिंहलाल गोंड, इंद्रदेव खरवार, रामनाथ गोंड, शिव प्रसाद गोंड, जीतसिंह गोंड, दसाई गोंड, रामउजागर गोंड, महावीर गोंड, रमेश सिंह खरवार आदि कई गाँव से कार्यकरता उपस्थित थे।

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