श्रीरामजी ने किया धनुष भंग, जानकीजी ने पहनायी जयमाला

समर जायसवाल –

शिवधनुष भंग होते ही श्रीरामजी की हुई जानकी
जनक की प्रतिज्ञा हुई पूर्ण,श्रीराम ने किया धनुष भंग
दुद्धी में हुई धनुष भंग की लीला, जानकीजी ने पहनायी श्रीरामजी को वरमाला
दुद्धी-सोनभद्र। श्रीरासलीला आयोजन समिति दुद्धी के तत्वाधान में आयोजित मंगलवार को रासलीला मंचन में भक्ति चरित लीला के मंचन क्रम में धनुषयज्ञ की लीला का मंचन किया गया
देश देश के भूपति नाना।
आए सुनी जो हम प्रण ठाना।।
देव धनुज धारि मनुज शरीरा
विपुल बीर आए रण धीरा।।
महाराज जनक के प्रण को सुनकर देश देश के राजा सीता स्वयंवर में उपस्थित हुए। उस स्वयंवर में देश देश के राजा राजकुमार सहित रावण और बाणासुर जैसे बलवान भी उपस्थित हुए। पर उस धनुष को कोई भी उठा ना सका। इस संताप से जनक का हृदय जलने लगा और विधाता को दोष देने लगे।
कुंवरि मनोहर विजय बडि कीरति अति कमनीय। पावन हारि विरंचि जनि रचेऊ न धन दमनीय।
राजा जनक ने कहा सीता जी को ब्रह्मा ने उत्पन्न किया पर क्या सीता के योग्य ब्रह्मा ने वर नहीं बनाया। क्या पृथ्वी वीरों से खाली हो गई है। जनक जी के ऐसे वचन सुनकर लक्ष्मण जी क्रोधित हो जाते हैं। गुरु की आज्ञा पर रामजी ने धनुष को उठाकर दो खंडों में विभाजित कर दिया।
श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है…..

विस्वामित्र समय सुभजानी।बोले अति सनेहमय बानी।
उठहु राम भंजहु भवचापा। मेटहु तात जनक परितापा॥
लेत चढ़ावत खैचत गाढे़। काहु न लखा देख सब ठाढे़ । तेहि सन राम मध्यधनु तोरा।भरे भुवन धुनिघोर कठोरा।
धनुष यज्ञ की लीला को बड़े ही रोचकता से दिखाया गया। श्रीरामजी को धनुष लेते, चढ़ाते और जोर से खींचते किसी ने नहीं देखा। अर्थात ये तीनों काम इतनी फुर्ती से हुए कि धनुष को कब उठाया, कब चढ़ाया, और कब खींचा। किसी को पता नहीं लगा श्री राम जी को धनुष खींचे खड़े देखा उसी क्षण श्री राम जी ने धनुष को तोड़ डाला। भयंकर कठोर ध्वनि से सम्पूर्ण लोक गुंजायमान हो गया और जनकपुर में खुशी छा गई।
आज रासलीला में दर्शकों की अपार भीड़ देखने को मिली। इस अवसर पर तहसीलदार दुद्धी,अधिवक्ता गण, चिकित्सक गण, दुर्गा पूजा समिति ,जय बजरंग अखाड़ा समिति के साथ रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र जायसवाल, महामंत्री आलोक अग्रहरि, संरक्षक भोला बाबू, दिनेश आढती, चंद्रिका आढती,कृष्ण कुमार एड,सन्दीप गुप्ता, प्रदीप गुप्ता कोनिका व रासलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ सोनी,संयोजक श्यामसुंदर अग्रहरि सहित तमाम श्रद्धालु दर्शक उपस्थित रहे। सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय पुलिस के आरक्षी व उप निरीक्षक मुश्तैद रहे।

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