सबसे कम ब्याज पर कोआपरेटिव बैंक द्वारा ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाता है
लखनऊ 21 दिसम्बर, 2019।उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि सहकारिता विभाग आम जनता व किसानों से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है। प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियां हैं। सहकारी समितियों में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का काम किया जाना चाहिए। सबसे कम ब्याज पर को आपरेटिव बैंक द्वारा ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। राज्य सरकार किसानों के हितार्थ विभिन्न योजनायें संचालित कर उनका विकास किया जा रहा है।
यह बातें सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा आज यहां पंचायतीराज निदेशालय लोहिया भवन में आयोजित जिला सहकारी बैंक लखनऊ की वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग निरन्तर प्रगति की ओर बढ़ रहा है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही हम सबका लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों, मजदूरों एवं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को निरन्तर सहकारी समितियों के माध्यम से सुविधायें दिये जाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यू.पी. कोआपरेटिव बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों को कम्प्यूटराईज कर दिया गया है, शीघ्र ही सहकारी समितियों को कम्प्यूटराईज किया जायेगा।
अध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक लि0 दिनेश तिवारी ने बताया कि सहकारी बैंकों के ग्रामीण क्षेत्रों को ग्राहक अभी भी सहकारी बैंक को ही अपना बैंक मानते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी बैंकों का विस्तार अभी भी व्यापक है तथा कृषक सहकारी बैंकों पर विश्वास करते हैं।
जिला सहकारी बैंक लि0 लखनऊ के सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी मो. अन्जुम खां ने बताया कि जिला सहकारी बैंक लि0 लखनऊ अपनी 19 शाखाओं एवं 04 विस्तार पटल के माध्यम से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवायें प्रदान कर रहा है। बैंक की विभिन्न शाखाओं से सम्बद्ध 95 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के माध्यम से कृषक सदस्यों को फसली ऋण तथा उर्वरक एवं कृषि निवेशकों की आपूर्ति करायी जा रही है। उन्होंने 2018-19 के वार्षिक सन्तुलन पत्र, लाभ-हानि का विवरण प्रस्तुत किया तथा आगामी वर्ष की कार्ययोजनाओं को तैयार कर विचार हेतु प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनीता सहगल ने किया।
इस अवसर पर विधायक कैण्ट श्री सुरेश तिवारी, विधायक श्री नीरज बोरा तथा श्री बृज बहादुर, जिला सहकारी बैंक लि0 लखनऊ के प्रबन्ध समिति के उप सभापति, संचालक गण पदाधिकारी गण आदि उपस्थित थे।