सोनभद्र।अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधि0-2006 एवं वन नियमावली-2008 संशोधन नियम 2012 के अनुरूप पूर्व में प्राप्त निरस्त किये गये वनाधिकार के दावों का पुनः परीक्षण राजस्व विभाग व वन विभाग के कार्मिक करते हुए ग्राम वनाधिकार समिति से प्राप्त रिपोर्टों को तहसील स्तरीय वनाधिकार समिति से परीक्षण कराकर जिले पर प्रस्तुत करें। हर हाल में वाइल्ड लाइफ फर्स्ट व अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य पर मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश 13.02.2019 का अनुपालन सुनिष्चित किया जाय। उक्त निर्देष जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने जिले के उप जिलाधिकारियों, प्रभागीय वनाधिकारियों व राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व के अस्वीकृत दावों के सापेक्ष प्राप्त पुनर्विचार याचिकाओं व पुनिर्विचार में लिये गये निर्णयों व पुनर्विचार के लिए की जा कार्रवाहियों की प्रगति की समीक्षा करते हुए दियें। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ ही वन व राजस्व विभाग के अधिकारियों को दायित्वबोध कराते हुए कहा कि पूर्व में अस्वीकृत दावों का परीक्षण कर स्वीकार करने योग्य दावों को मेरिट के आधार पर वनाधिकार अधिनियम के तहत स्वीकार किया जाय और जो दावें अस्वीकार किये जाय, उसका पूरा विवरण का परीक्षण कर सम्बन्धित को संज्ञानित कराने के बाद भी अस्वीकार किया जाय। जिलाधिकारी ने कार्य में कम रूचि लेने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को दायित्वबोध कराते हुए फटकार लगायी और कहा कि समयबद्ध तरीके से टीम भावना से लगकर पूर्व के अस्वीकृत दावों के सम्बन्ध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेषानुसार दावों को पुनः परीक्षण कर नियमानुसार अंतिम रूप दिया जाय। बैठक में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह, प्रभागीय वनाधिकारीगण, उप जिलाधिकारीगण, तहसीलदारगण, वन व राजस्व विभाग के अधिकारीगण सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।