नायब तहसीलदार से डिप्टी एस. पी.बने-भरत कुमार सोनकर से बातचीत का कुछ अंश

रामलाल साहनी की खास रिपोर्टमिर्जापुर।विन्ध्याचल स्थित पटेंगरा नाला के पास निवासी भरत कुमार सोनकर अपनी कड़ी मेहनत,लगन और संघर्ष के बल पर आज जो अपनी प्रतिभाओं को निखार कर लोगों के सामने रखा है वह वास्तव में बड़ी तारीफेक़ाबिल है। जो विन्ध्याचल में प्रारंभिक शिक्षा नाहर बाल निकेतन, श्री राम जायसवाल और विन्ध्य विद्या पीठ आदि के साथ कई विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने पश्चात अपने परिवार के सहयोग से आज इतनी लंबी सफर किया है ।इनके परिवार का परिचय में पिता जोखू राम सोनकर जो जनपद के सबसे सक्रिय समाज सेवी है और छोटे व्यापारी भी है माता शीला सोनकर जो अपने वार्ड के दो बार सभासद के रूप में जनता की सेवा कर चुकी है। छोटा भाई डॉ. केशव सोनकर(एम.बी.बी.एस.) है जो कानपुर में हैलेट में चाइल्ड स्पेलिस्ट डॉक्टर है और सबसे छोटे भाई प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे है।आज इसी कड़ी मेहनत और लगन के कारण उन्होंने एक के बाद एक सफलताएं हासिल किये है।उनके आवास पर एक मुलाकात के दौरान उन्होंने पत्रकारों से वार्ता में अपने बारें में जो शालीनता कुछ इस तरह से बताते हुए कुछ प्रश्नों का उत्तर दिया।*प्रश्न*-भरत कुमार जी आप एक निचले तबके के होते हुए भी जो-जो सफलताएं प्राप्त किए है यह कैसे किया और इसके पीछे किसका-किसका योगदान रहा है?*उत्तर*-जी मैं भी अपना बचपन औरों के जैसे ही सामान्य रूप से बिताया हूँ मैं भी क्रिकेट, गुल्ली डंडा और तरह तरह के खेल खेला हूँ इसके साथ ही अपने कड़ी मेहनत के साथ ईश्वर और गुरुजनों,माता-पिता पत्नी(सीता सोनकर) और अपने मित्रों के योगदान और इन सभी लोगों के सहयोग से आज मैं इस ऊंचाई तक पहुंच पाया हूँ इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।*प्रश्न*-अभी तक आपने क्या-क्या सफलताएं हासिल किए है?*उत्तर*-आज मैं अपने परिवार से दूर होकर अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान लगाने के साथ अपने लोगों के सहयोग के वजह से *नेट जे. आर.एफ.इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शोधार्थी, पी.सी.एस.में 2016 में नायब तहसीलदार, पी.सी.एस.2017 में डिप्टी एस.पी.(पुलिस उपाधीक्षक)* आदि सफलताएं ईश्वर और सभी के सहयोग से प्राप्त हुआ है।*प्रश्न*-आपके व्यक्तित्व का सकारात्मक पक्ष क्या है?*उत्तर*-हार न मानना और कड़ी परिश्रम करना तथा सब कुछ किस्मत पर न छोड़ना बल्कि अपनी मेहनत से किस्मत बदलना यही मेरा सकारात्मक पक्ष रहा है।*प्रश्न*-इस पद पर आसीन होने के बाद क्या उद्देश्य रहेगा।*उत्तर*-सामाजिक न्याय का उद्देश्य प्राप्त करना,पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठापूर्वक पालन करना तथा समाज में वंचित तबके के लोगों में प्रेरणा का संचार करना समाज में दबे कुचले लोगों को समाज के मुख्य धारा से वंचित है उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करने की इच्छा है।*प्रश्न*-आपका अगला लक्ष्य क्या है?*उत्तर*-मेरा अगला लक्ष्य आई.ए. एस. बनकर देश की सेवा करना है।*प्रश्न*-देश के युवाओं को इस ख़बर के माध्यम से क्या संदेश देना चाहते है?*उत्तर*-युवा हमेशा सकारात्मक बने रहे।प्रतिभा कभी भी परिस्थितियों की दास नहीं हो सकती।युवा अपने पढ़ाई पर ध्यान देकर खूब पढ़े, प्रगति करें,समाज को अलग दिशा दें।हार से कभी हतोत्साहित न हो उनसे भी कुछ सीखे और निरन्तर आगे बढ़ने की विचार न त्यागे।

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