*रिपोर्ट, सूर्यप्रताप शर्मा
शक्तिनगर।सोमभद्र
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एनटीपीसी परिसर शक्तिनगर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर एनएसएस इकाई प्रथम के कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया के समक्ष भारत की तस्वीर रखना एक सुभ विचार है।
गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के जिस अनुपम हथियार का प्रयोग कर विश्व के सामने यह संदेश देने का काम किया कि हिंसा के सामने अहिंसा ही वह हथियार है जिससे साम्राज्यवादी शक्तियों को पराजित किया जा सकता है,आज भारत युवा शक्ति के रूप में जाना जाता है पर उसकी दिशा हीनता कभी-कभी भारत को शर्मसार कर देती है ।
गांधीजी कहते थे मन चंगा तो शरीर भी चंगा है यदि हमारे मन निर्विकार रूप से निरोग है टू वे हर तरह की हिंसा से मुक्त हो जाएगा आज का युवक कल का विधाता है इसलिए सद्विचार का पालन करने से राष्ट्र का उत्थान संभव है गांधीजी के विचार यह ने यह बात हमेशा रहती थी कि जिस जिस जगह शरीर सफाई घर सफाई ग्राम सफाई हो योग्य व्यायाम हो वहां कम से कम बीमारी होती है श्रम और बुद्धि के बीच अलगाव हो गया है उसके कारण हम अपने गांव के प्रति इतने लापरवाह हो गए कि वह एक गुनाह की माना जा सकता है ।
इस मौके पर डॉक्टर मानिक चंद पांडे ने कहा कि गांधीजी कहते थे मेरे लिए देश प्रेम और मानव प्रेम में कोई भेद नहीं है दोनों एक ही हैं मैं देश प्रेमी हूं क्योंकि मैं मानव प्रेमी हूं गांधीजी के विचार में राष्ट्रवाद की कल्पना यह है कि मेरा देश इसलिए स्वाधीन हो कि प्रयोजन उपस्थिति होने पर सारा ही देश मानव जाति की रक्षा के लिए स्वेच्छा पूर्वक मृत्यु का अनुगमन करें उसमें जाती द्वेष का कोई स्थान नहीं भारत के उत्थान से ही सारी दुनिया लाभ उठा सकती है स्वयंसेवक गौरव ने बताया कि गांधीजी आवारा भीड़ के खतरे को महसूस कर चुके हैं तभी तो कहते हैं भीड़ का अनुशासन सीखने से ज्यादा आसान और कुछ नहीं है वीर कोई काम वृद्धि पूर्वक नहीं करती उसकी कोई पहले से सूची हुई योजना नहीं होती है भीड़ के लोग जो कहते हैं अब इसमें करते हैं मैं असहयोग का उपयोग लोकशाही का विकास करने के लिए कर रहा हूं आज जरूरत है भीड़ की अराजकता की जगह सही प्रजातंत्र का विकास करना है।
स्वयंसेवक मिथिलेश ने बताया कि मेरी समझ में भारत का विकास अहिंसा की दिशा में करना है।
स्वयंसेवक मिथिलेश ने बताया कि मेरी समझ में भारत का विकास इंसा के दिशा में करना है इसके लिए उसे सर्वप्रथम अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
तुषार पांडे ने गांधी जी की जयंती पर बताया कि वर्तमान समय में आर्थिक असमानता बहुत बढ़ गया है भारत को कहीं ना कहीं हिंसा की तरह ले जा रही है ।
आज हमें भारत की गरीब प्रजा के साथ अपनी तुलना करके आनी भौतिकवादी सुविधा को कम करने की आवश्यकता है।
अन्य मौजूद प्रमुख लोगो में डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार पटेल , डॉक्टर विनोद कुमार पांडे ,डॉक्टर आनंद कुमार श्रीवास्तव ,डॉ अनिल कुमार दुबे ,डॉ दिनेश कुमार ,डॉ हेमलता सिन्हा, डॉ मृत्युंजय कुमार पांडे ,डॉक्टर ओम प्रकाश यादव नाम कीर्ति सिंह डॉ अविनाश कुमार दुबे ,डॉ प्रशांत कुमार विश्वकर्मा ,श्री रवि कांत कुशवाहा सूर्य प्रकाश ,संदीप कुमार सहित स्वयंसेवकों में रंजीत कुशवाहा ,रवी राठौर छात्र नेता , व माइकल, राजन ,कोमल रंजीत सिंह ,अर्पिता ,सिद्धांत आदि उपस्थित रहे ।