28 सितम्बर के सम्मेलन की तैयारी में दुध्दी तहसील के विभिन्न गाँवों में हुई बैठकें

वनाधिकार में पुर्नसुनवाई जनांदोलन की जीत

सोनभद्र 22 सितम्बर 2019। सोनभद्र, मिर्जापुर व चंदौली के पिछडेपन के खिलाफ सहकारी खेती को बढाने, किसानों की कर्जा माफी, किसानों की उपज की सरकारी खरीद व समय से भुगतान, वनाधिकार व मनरेगा को लागू कराने, बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा, आदिवासी अधिकारों व इस क्षेत्र के समग्र विकास के सवाल पर 28 सितम्बर को राबर्ट्सगंज में आयोजित सम्मेलन की तैयारी के लिए आज दुध्दी तहसील के मुरता, जामपानी, सुपाचुंआ, बधाडू, अमवार,नगंवा में मजदूर किसान मंच की तरफ से जनसंवाद और बैठकें की गयी।

बैठक में मौजूद स्वराज इंडिया के नेता दिनकर कपूर ने कहा कि इस क्षेत्र के पिछडेपन की जबाबदेही भाजपा-कांग्रेस के साथ बहुजन राजनीति करने वाले बसपा व सपा जैसे दलों और उनकी सरकारों की भी है। आदिवासी-दलित बाहुल्य इस क्षेत्र में आज भी हल बैल से खेती होती है। देश के सर्वाधिक पिछडे जनपद में आने वाले इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। प्रदूषित पानी को पीने से, मलेरिया व टाइफायड जैसी बीमारी और आकाशीय बिजली से हर साल लोग बेमौत मरते है। पर यह न्यूनतम सवाल भी हल नहीं किए गए। रोजगार के अभाव में पलायन हो रहा है, लेकिन मनरेगा ठप्प है। राबर्ट्सगंज सम्मेलन में इन क्षेत्र के विकास के वैकल्पिक रास्ते पर विचार विमर्श होगा।
उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत दावों की पुनर्सुनवाई का आदेश जनांदोलन की जीत है। वनाधिकार कानून को भी सपा-बसपा ने अपनी सरकार में लागू नहीं किया। आज भी पुनर्सुनवाई का आदेश संघ-भाजपा की केन्द्र व प्रदेश सरकार की इच्छा के विरूद्ध न्यायपालिका और जनांदोलन के दबाव में ही हुआ है। हालत तो यह है कि आरएसएस से जुडे संगठन ने वनाधिकार कानून को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, केन्द्र सरकार के द्वारा पैरवी न करने से बेदखली का आदेश हुआ। जिस पर भारी दबाव में स्टे हुआ। अभी भी केन्द्र सरकार के वकील सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों का पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हो रहे है। इसलिए जनता को सचेत व संगठित होकर वनाधिकार के अनुपालन को सुनिश्चित कराना होगा।
बैठकों को युवा मंच संयोजक राजेश सचान, कृपा शंकर पनिका, मंगरू प्रसाद गोंड, प्रधान चंद्र देव गोंड, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड, शिव प्रसाद गोंड, मनोहर गोंड, रामनाथ गोंड, रामउजागिर गोंड, महावीर गोंड, महादेव गोंड आदि ने सम्बोधित किया।

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