
बिहार।सीतामढ़ी एसएफसी में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है।तभी तो जिले के प्रबंधक राज्य मुख्यालय के आदेश को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। यूं कहें कि एसएफसी के अधिकारी पैसों के खातिर घुटने टेक दिए हैं।तभी तो जिला प्रबंधक राज्य मुख्यालय द्वारा साल भर पहले जारी किए गए आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिए हैं।यह हाईलेवल खेल राज्य खाद्ध निगम सीतामढ़ी में खेला जा रहा है।इस खेल में बड़े स्तर पर माल उगाही की बात ही जा रही है.तभी तो जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए थी उसी फर्म से आज भी काम लिया जा रहा ।बदले में हर साल मोटी रकम सरकारी खाते से जा रही है।दरअसल BSFC के उप महाप्रबंधक निगम मुख्यालय पटना ने सीतामढ़ी के जिला प्रबंधक को आदेश दिया था कि मे. राजेन्द्र सिंह एंड ब्रदर्स जो परिवहन सह हथालन अभिकर्ता सीतामढ़ी हैं का एकरारनामा रद्द करने,जमानत की राशि एवं सुरक्षित बैंक गारंटी की राशि जप्त करने के साथ-साथ कंपनी को काली सूची में नाम दर्ज करने हेतु जिला परिवहन समिति की अनुशंसा प्राप्त कर यथोचित सकारण आदेश पारित करने की कार्रवाई करें। परिवहन अभिकर्ता पर आरोप था कि वाहन संख्या HR55L-3103 के चालक के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी सं—133/18 के आधार पर परिवहन नीति-2018एवं एकरारनामा का उलंघन किया है। उसी आधार पर उप महाप्रबंधक ने परिवहन अभिकर्ता की बैंक गारंटी,एकरारनामा रद्द करने की कार्रवाई करने का आदेश जिला प्रबंधक एसएफसी को दिया था।राज्य मुख्यालय ने सीतामढ़ी के जिला प्रबंधक को यह आदेश 17 जुलाई 2018 को हीं दिया था।एक साल से अधिक हो गए लेकिन जिला प्रबंधक ने अपने वरीय अधिकारी के आदेश पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रबंधक ने आरोपी अभिकर्ता पर सिर्फ कार्रवाई नहीं की बल्कि इतने दिनों बाद भी उसी से काम लिया जा रहा है।बदले में अबतक उसे लाखों रू परिवहन शुल्क के रूप में दिए गए।
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