नई दिल्ली। अब भारतीय महिला क्रिकेट पर भी मैच फिक्सिंग का साया मंडराने लगा है, जो अपने आप में खतरे की घंटी है. ऐसा पहली बार हुआ है जब एक भारतीय महिला क्रिकेटर ने फिक्सिंग की शिकायत की है।इस मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की एंटी करप्शन यूनिट ने राकेश बाफना और जितेंद्र कोठारी के खिलाफ फिक्सिंग और धोखेबाजी को लेकर बेंगलुरू में रिपोर्ट दर्ज कराई है। महिला क्रिकेटर को एक मैच फिक्स करने के लिए एक लाख रुपये तक देने का लालच दिया गया था।
यह घटना फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की घरेलू श्रृंखला से पहले की बताई जा रही है. हालांकि खिलाड़ी की पहचान उजागर नहीं की गई है. बताया जाता है कि महिला क्रिकेटर ने एक आरोपी के साथ फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी दी है. स्पोर्ट्स मैनेजर जितेंद्र कोठारी ने सोशल साइट के माध्यम से भारतीय खिलाड़ी से संपर्क किया था. इसके बाद उसने बाफना को मैच फिक्स करने के लिए महिला क्रिकेटर से बात करने के लिए कहा. वहीं इससे पहले तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी फिक्सिंग की जांच चल रही है, जो अब अंतिम चरण में पहुंचने वाली है।
एंटी करप्शन यूनिट प्रमुख अजित सिंह शेखावत ने मीडिया से बातचीत में इस घटना की पुष्टि की है. शेखावत ने कहा है कि जिस महिला खिलाड़ी ने शिकायत की है, वह भारतीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है, इसलिए आईसीसी ने इस मामले में जांच की. आईसीसी ने संपर्क करने वाले व्यक्ति को चेतावनी दी और हमें इस बारे में सूचित किया तथा माना कि क्रिकेटर ने संपर्क करने की सूचना देकर सही काम किया।
इस साल फरवरी में कोठारी ने फिर से उस खिलाड़ी से संपर्क किया. उसने ही बाफना का परिचय खिलाड़ी से कराया और बाफना ने मैच फिक्स करने की बात कही. जानकारी के अनुसार बाफना ने भारत और इंग्लैंड के मैच के दौरान प्रत्येक मैच के लिए एक लाख रुपये देने का प्रस्ताव रखा था. उसने एक दिवसीय टीम की कप्तान को भी योजना में शामिल करने की कोशिश की थी।सौजन्य से पल पल इंडिया