
दुद्धी-(भीमकुमार) दूसरों के आनंद में आनंदित होने वाला ही महापुरुष होता है।प्रेमभाई भी इस आदिवासी वनवासी क्षेत्र के लिए ऐसे ही महापुरुष थे।ये बातें अजय शेखर ने वनवासी सेवा आश्रम के संस्थापक व प्रणेता स्व०प्रेमभाई की जयंती को सम्बोधित करते हुए दुद्धी स्थित आश्रम के छात्रावास परिसर में कहा उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए उनके द्वारा किये गए त्याग और समर्पण की गाथा जगजाहिर है।डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ नीलांजन मजूमदार ने भी उन्हें क्षेत्र का मसीहा एवं महान विभूति का दर्जा देते हुए कहा कि आज इस लोलुपता भरे समाज में कम लोग होते हैं।डॉ.आरके सिंह ने कहा कि प्रेमभाई ने समाज को अपना जीवन समर्पित कर,लोकऋण से उऋण हो लिया है।यह सौभाग्य कम लोगों को प्राप्त होता है।डॉ लवकुश प्रजापति ने कहा कि क्षेत्र के गरीब आदिवासियों के हक एवं न्याय लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया।अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता नन्दलाल जी ने कहा कि धर्म और कर्म के महान रहे प्रेमभाई उनकी कमी आज भी इस समाज को बनी हुई है।क्षेत्र में फैली तमाम कुरीतियों से गरीबों को छुटकारा दिलाया है और उनमें शिक्षा का अलख जगाया।अन्य वक्ताओं ने उनके कृत्यों पर प्रकाश डालते हुए,शुरू से दयालु स्वभाव का बताया।अन्त में आश्रम को जमीन डोनर करने वाले राजाराम मिश्र जी के निधन पर शोकसभा कर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम को दुद्धी बार अध्यक्ष कुलभूषण पांडेय,चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि, अवधनारायण यादव आदि ने संबोधित किया।संचालन शिवशरन भाई ने किया।आभार केंद्र प्रभारी चित्रांगद दुबे ने जताया।इस मौके पर रामेश्वर राय, रामजी पांडेय एड.,प्रेमचंद यादव एड.,कृष्णमुरारी पांडेय एडवोकेट,अनूप कुमार,संतोष कुमार एड.,अनिल जायसवाल, सुरेश प्रसाद एड.धर्मेंद्र सिंह,अवधेश जायसवाल समेत बैडमिंटन टीम व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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