नमक रोटी मामले में आया नया मोड़ गलती स्वीकार कराने वाले प्रशासन ने दर्ज कराया पत्रकार पर मुकदमा

मीरजापुर। नमक रोटी प्रकरण ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। सरकार की किरकिरी हुई तो डीएम फंसे और वह पलटी मार गए। इस मामले में पत्रकार समेत एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ संगीन मामलों में रपट दर्ज कराई गई है।
जमालपुर न्याय पंचायत के शियुर में 28 अगस्त को मिड डे मील में बच्चों को नमक और रोटी का वीडियो वायरल हुआ था और सभी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर इलेक्ट्रानिक चैनलों पर भी दिखाई गई। जिसका संज्ञान लेते हुए घटना के दूसरे दिन जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने भी जांच कर यह स्वीकार किया था कि नमक रोटी के एक दिन पहले खिचड़ी के नाम पर चावल और नमक बच्चों को भोजन में दिया गया था। घटना वाले दिन जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह की अध्यक्षता में टीम भेजकर पूरे मामले की जांच कराई थी और प्रशासन ने माना था कि एमडीएम के नाम पर गड़बड़ी की जा रही है। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रधानाध्यापक समेत न्याय पंचायत समन्वयक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि जिले के जमालपुर ब्लॉक के शियुर गांव में नमक रोटी खिलाने का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है और जिला प्रशासन के निर्देश पर प्रधान प्रतिनिधि और खबर प्रसारित करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि जमालपुर ब्लाक के शियुर गांव में 28 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय में छात्रों को नमक रोटी बाँटने का मामला प्रकाश में आया था। जिले के सभी अखबारों ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। साथ ही कलेक्टर अनुराग पटेल ने इस मामले को प्रमुखता से प्रसारित किए जाने का मामला संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई भी किया। वीडियो प्रसारित होने से प्रशासन समेत प्रदेश सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी। घटना की सूचना के बाद कलेक्टर अनुराग पटेल ने खुद मामले की गहन जांच पड़ताल किया था। पूछताछ के दौरान बच्चों ने जिलाधिकारी से नमक रोटी बांटने की बात स्वीकार किया था। श्री पटेल मीडिया के सामने स्वीकार किया था कि बच्चों को नमक रोटी का विवरण किया गया था इसके एक दिन पहले खिचड़ी के नाम पर चावल नमक का वितरण किया गया। इसमें डीएम और सरकार की किरकिरी हुई थी। सूत्र बताते हैं कि सरकार की किरकिरी होने के बाद उच्चाधिकारियों ने घटना की दोबारा जांच का आदेश दिया तो जिलाधिकारी ने सीडीओ की अध्यक्षता में एडीएम व एसडीएम चुनार को मौके पर भेजकर मामले की जांच कराई तो सीडीओ की जांच ने डीएम के बयान की कहानी ही पलट दी। इसी के बाद प्रशासन के सुर बदल गए। आनन-फानन में पत्रकार पवन जायसवाल व प्रधान प्रतिनिधि के ऊपर खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रेम शंकर राम ने अहरौरा थाने में भादस की धारा 120बी 186 193 व 420 का मुकदमा पंजीकृत कराया। घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है प्रशासन अपना दामन बचाने के लिए पत्रकार को बलि का बकरा बना रही है पत्रकार इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन करने के फिराक में है।

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