गाजियाबाद पुलिस की बड़ी कामयाबी, डीजीपी ने की प्रशंसा अपहरण के 12 घंटे बाद ही बाप-बेटी को पुलिस ने कराया मुक्त
गाजियाबाद । इंदिरापुरम थाना पुलिस ने रविवार सुबह एक करोड़ तीस लाख रुपये की फिरौती के लिए अपह्रत सिविल इंजीनियर व उसकी बेटी को अपहरण के मात्र 12 घंटे के अंदर ही सकुशल बरामद कर लिया। अपहरण के इस आपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह पूरे आपरेशऩ पर लगातार नजर बनाए रहे। सर्विलांस से अपहरणकर्ताओं को लोकेशन ट्रेस होती रही। इस मामले में एक अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके कब्जे से एक स्विफ्ट कार, एक पिस्टल, सिविल इंजीनियर की स्कूटी बरामद की गई है।
अपहरण के इस त्वरित खुलासे को लेकर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार को बधाई दी। उन्होंने इस परम सराहनीय कार्य के लिए एसएसपी गाजियाबाद और इंदिरापुरम थाना प्रभारी दीपक शर्मा को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
प्रेसवार्ता में एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि वसुंधरा सेक्टर एक में रहने वाले सिविल इंजीनियर कुणाल सैन व उसकी पुत्री स्पलेंडर मोटर साइकिल से घर से वसुंधरा सेक्टर तीन के लिए निकले थे मगर वापस घर नहीं आए। कुछ देर में कुणाल सैन के फोन से उनकी पत्नी को फोन कर बताया गया कि उनके पति और बेटी का अपहरण कर लिया गया और फिरौती के लिए 50 लाख रुपये की मांग की गई। इसी तरह मुंबई में रहने वाली कुणाल सैन की बहन को फोन कर 50 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई। यही नहीं कुणाल सैन की एक दूसरी बहन को फोन कर तीस लाख रुपये की मांग की गई।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि कुल एक करोड़ तीस लाख रुपये की मांग की गई। घटना की जानकारी मिलते ही इस मामले को पुरी तरह से गोपनीय रखा गया। इंदिरापुरम थाना प्रभारी दीपक शर्मा समेत टीम गठित की गई। सविर्लांस पर फोन नंबर लगाए गए। एसएसपी ने बताया कि पूरे मामले की कमान उन्होंने खुद संभाली। अपहरणकर्ता से बात की गई और उसे बताया कि एक करोड़ तीस लाख रुपए का इंतजाम इतनी जल्दी नहीं हो पायेगा इसलिए अभी टोकन मनी के रूप में *पांच लाख रुपये दे रहे हैं। बाकी पैसों का इंतजाम किया जा रहा है। अपह्रत कुणाल सैन व उसकी पुत्री को कुछ ना कहा जाए।
एसएसपी ने बताया कि अपहरणकर्ता इसके लिए तैयार हो गया और टोकन मनी लेने के लिए दिल्ली बुलाया गया मगर वह अपनी लोकेशन बदलता रहा। बाद में वैशाली में आधार शिला स्कूल के पीछे पैसे देने की बात तय हुई। बताया गया कि बैग में नकली नोटों की गड्डी रखी गई और बैग में जीपीएस ट्रेकर लगाया गया। पुलिस ने पैसे देने के लिए सादे कपड़ों पुलिस टीम को तैनात कर दिया। पुलिस के जाल में अपहरणकर्ता फंस गया औऱ पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसके पास से पिस्टल मिला। उसकी निशानदेही पर वैशाली सेक्टर चार स्थित अहपहरणकर्ता के मकान से कुणाल सैन व उनकी 17 वर्षीय बेटी को सकुशल मुक्त करा लिया गया। दोनों के मुंह, हाथ, पैरों पर पट्टियां बांधी गई थी ताकि भाग ना सके और शोर न मचा सके।
इंजीनियर की बेटी का परिचित था अपहरणकर्ता
एसएसपी ने बताया कि अपहर्ता का नाम अवनीत सिंह वालिया पुत्र गुरप्रीत सिंह वालिया है। वह इंजीनियर की बेटी का परिचित है। इसी के चलते से कुणाल सैन के बिजनैस और परिवार व रिश्तदारों की पूरी जानकारी थी। अवनीत खालसा कालेज दिल्ली से बीकॉम कर रहा है और अपने पिता से अलग किराए का कमरा लेकर रह रहा था।
फिरौती लेकर कर देता पिता-बेटी की हत्या
अपहरण के इस खेल में अवनीत सिंह अकेला ही शामिल था और उसने ही अपहरण की योजना बनाई थी। चूंकि कुणाल की बेटी उसकी परिचित थी। इसके चलते वह फिरौती के रकम मिलने के बाद बाप-बेटी के साथ अनहोनी करने से भी गुरेज नहीं करता। इस बात की पूरी पूरी संभावना थी।
पुलिस ने कुणाल सैन व उसकी बेटी की मुक्त कराने के साथ ही अपहर्ता की स्विफ्ट कार, 32 बोर का पिस्टल, पटिट्यां, नशे की गोलिया, टैबलेट, बांधी गईं पट्टियां, जीपीएस ट्रेकर, कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट की पैकैट समेत काफी सामान बरामद किया है।
*डीजीपी ने दी गाजियाबाद पुलिस को बधाई*
प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने इस सराहनीय कार्य के लिए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को बधाई दी है। उन्होंने एसएचओ दीपक शर्मा को डीजीपी कमेंडेशन डिस्क पुरस्कार देने की घोषणा की है। साथ ही कुशल नेतृत्व करने के लिए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
*अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंदिरापुरम थाना प्रभारी दीपक शर्मा, उपनिरीक्षक धीरेंद्र उपाध्याय, उपनिरीक्षक जितेंद्र वालिया, हैड कांस्टेबल कृष्णवीर व राजकुमार, कांस्टेबल सतबीर सिंह, नसीम, राजुकमार, नसीम व महिला कांस्टेबल शालू त्यागी शामिल रहीं।*