विश्वकर्मा समाज का अस्तित्व मिटाना चाहती है सरकार – अशोक विश्वकर्मा


विश्वकर्मा पूजा अवकाश
के लिए जारी रहेगा संघर्ष

वाराणसी ।ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वाधान में आज अपराहन पड़ाव स्थित बसंत वाटिका में विश्वकर्मा सामाजिक न्याय अधिकार सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन को मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने संबोधित करते हुए कहा योगीराज में जातीय आधार पर सामाजिक भेदभाव अन्याय अत्याचार उत्पीड़न अपराध एवं भ्रष्टाचार चरम पर है। जिससे पूरे प्रदेश में शोषित वंचित गरीब मेहनतकश कामगार एवं कमजोर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा जुल्म और उत्पीड़न के शिकार हैं भ्रष्ट व्यवस्था में इनकी आवाज सुनने और न्याय दिलाने वाला कोई नहीं है ।राजनैतिक संरक्षण प्राप्त दबंग जमीनो पर पुलिसिया सांठगांठ से कब्जा कर रहे हैं। माफियाओं द्वारा सरे आम लोगों की हत्याएं की जा रही हैं जिसका ज्वलंत उदाहरण सहारनपुर में जागरण केे पत्रकार भाइयों की शराब माफिया द्वारा की गई बर्बर हत्या की घटना है उस परिवार मे तीन विधवा स्त्रियों के अलावा एक भी पुरुष आजीविका चलाने वाला जीवित नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि सरकार का कोई भी प्रतिनिधि परिजनों से मिलने तक नहीं गया तथा उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया वहीं दूसरी ओर जातीय आधार पर सरकार द्वारा कई मृतको के परिजनों को नौकरी मकान और पच्चीस लाख रुपए मुआवजा दिया गया जो सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैया और संवेदनहीनता का द्योतक है । उन्होंने कहा धारा 370 के बाद सरकार आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र कर रही है जिससे असंगठित क्षेत्र के कई वंचित जातीय समूहों का अस्तित्व खतरे में है जिनमें विश्वकर्मा समाज भी एक है।जिन्हें आरक्षण का समुचित लाभ नहीं मिला जिससे नौकरियों और सत्ता में इनकी भागीदारी नगण्य है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि विश्वकर्मा समाज को 5 फ़ीसदी पृथक आरक्षण दिया जाए अथवा 1950 में जारी राजाज्ञा के अनुसार अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को महापुरुष कहकर अपमान करने एवं पूजा अवकाश को रद्द करने की घोर निंदा करते हुए कहा भगवान विश्वकर्मा हमारी संस्कृति संस्कार आस्था सामाजिक पहचान और गौरव के प्रतीक है वह किसी एक जाति धर्म के देवता नहीं सभी जाति धर्म के लोगों द्वारा पूजित रचना के देवता है उनका अपमान समाज सहन नहीं करेगा तथा पूजा अवकाश होने तक संघर्ष का उद्घोष किया गया ।सम्मेलन में समाजवादी पार्टी द्वारा 17 सितंबर की बजाय 21 सितंबर को पार्टी दफ्तर में तथाकथित कुछ दलालों के द्वारा राजनैतिक निहितार्थ से विश्वकर्मा पूजा आयोजित किए किए जाने की निंदा करते हुए जन्मदिन पुण्यतिथि और पूजा दिवस का राजनीतिकरण किए जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए नेताओं ने कहा 17 सितंबर की बजाय 23 सितंबर को पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया जाना सामाजिक परंपरा संस्कृति और पहचान मिटाने का राजनैतिक षड्यंत्र है। सम्मेलन में नेताओं ने समाज की आर्थिक बेहतरी के लिए शिल्पकार विकास निगम अथवा आयोग गठित करने सहित विश्कर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की सरकार से मांग की गई एवं सरकार द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए योजना के पारदर्शी संचालन हेतु शिल्पकारों के सदस्यता वाली जिला स्तर पर मानिटरिंग कमेटी गठित करने की मांग की गई। विशिष्ट अतिथि डॉ राजेश कुमार शर्मा ने अपने हक और अधिकार के लिए सामाजिक एकजुटता का आह्वान किया गया ।बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नंदलाल विश्वकर्मा ने एवं संचालन जिला महासचिव लोचन विश्वकर्मा ने किया विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रुप से श्रीकांत विश्वकर्मा जिला अध्यक्ष चंदौली डॉ प्रमोद कुमार विश्वकर्मा जिला अध्यक्ष मिर्जापुर सुरेश विश्वकर्मा एडवोकेट जिला अध्यक्ष लीगल सेल भैरो विश्वकर्मा नगर अध्यक्ष रमेश विश्वकर्मा सुरेश विश्वकर्मा रामकिशुन विश्वकर्मा चौधरी विश्वकर्मा योगी अर्जुन विश्वकर्मा संजय विश्वकर्मा बागी जी मनोज विश्वकर्मा राजकुमार विश्वकर्मा लक्ष्मण विश्वकर्मा महेंद्र विश्वकर्मा श्याम लाल विश्वकर्मा भरत विश्वकर्मा गोविंद विश्वकर्मा मोहित विश्वकर्मा राहुल विश्वकर्मा अमित विश्वकर्मा नीरज विश्वकर्मा प्रेम विश्वकर्मा कालिका विश्वकर्मा राजेश विश्वकर्मा सुभाष विश्वकर्मा शिव विश्वकर्मा अजीत विश्वकर्मा मोनू विश्वकर्मा विजयलक्ष्मी विश्वकर्मा आनंद विश्वकर्मा राम अवध विश्वकर्मा प्रहलाद विश्वकर्मा छबीले विश्वकर्मा सहित हजारों लोग शामिल थे।

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