सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी एनसीएल को उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला अवॉर्ड, कंपनी सीएमडी पीके सिन्हा हुये सम्मानित
सिंगरौली | भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) को उत्कृष्ट योगदान के लिये अवार्ड से नवाजा गया है। कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पीके सिन्हा को ‘इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) पीएसई एक्सिलेंस अवॉर्ड’ के साथ सम्मानित गया है। आईसीसी द्वारा नई दिल्ली में गुरुवार को 9वें इंडिया पब्लिक सेक्टर एजेंडा @ 2020 में आयोजित ‘पीएसई एक्सिलेंस अवॉर्ड’ समारोह में पीके सिन्हा ने भारत सरकार के पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग सचिव डॉ. अजय दुआ के हाथों यह सम्मान हासिल किया।
उल्लेखनीय है कि ओपेन कास्ट एवं अंडरग्राउंड कोल माइनिंग के क्षेत्र में बतौर माइनिंग इंजीनियर 36 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले श्री सिन्हा ने दिसंबर 2017 में एनसीएल में बतौर सीएमडी कार्यभार संभाला और तब से लेकर अब तक उनके नेतृत्व में कंपनी कामयाबी के कई नए शिखर छू चुकी है। उनके नेतृत्व में एनसीएल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 101.50 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं 101.60 मिलियन टन कोयले के डिस्पैच के साथ लक्ष्य प्राप्ति का नया शिखर छुआ। कंपनी ने 100 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन एवं प्रेषण करने वाली देश एवं सीआईएल की तीसरी कंपनी बनने का गौरव प्राप्त किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी सीएमडी, एनसीएल श्री सिन्हा भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। माइनिंग जिओलॉजिकल एंड मेटलर्जिकल इंस्टिट्यूट (एमजीएमआई) द्वारा उन्हें लगातार दो वर्षों 2012 एवं 2013 के लिए बेस्ट माइन मैनेजर के रूप में एचबी घोष मेमोरियल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें भारतीय कोयला उद्योग में शानदार योगदान देने के लिए ‘आईएमएमए एक्सिलेंस अवॉर्ड 2018 से भी नवाजा गया था। कोयला उद्योग से जुड़े वृहत विषयों पर वे विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर टेक्निकल पेपर प्रेजेंट कर चुके हैं। वे माइनिंग क्षेत्र की नामचीन संस्थाओं एमजीएमआई एवं इंडियन माइन मैनेजर्स असोशिएशन के सदस्य भी हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिभार (ओबी) के कुशल प्रबंधन पर वर्ष 2018 में प्रस्तुत की गई उनकी केस स्टडी को एमजीएमआई फोरम पर व्यापक सराहना मिली थी।
वैश्विक कोयला उद्योग की व्यापक समझ रखने वाले पीके सिन्हा वर्ष 2008 में पोलैंड एवं वर्ष 2011 में टर्की में आयोजित वर्ल्ड माइनिंग कांग्रेस में भारतीय कोयला उद्योग की नुमाइंदगी कर चुके हैं। कोयला उद्योग की वैश्विक बारीकियों से रूबरू होने के लिए वे स्वीडन, स्विट्जरलैंड एवं जर्मनी का दौरा भी कर चुके हैं। सितंबर 2016 में अमेरिका के लास वेगास में आयोजित इंटरनैशनल माइंस एक्सपो में भी वे भारतीय कोयला उद्योग का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे भारतीय खदानों के तकनीकी अपग्रेडेशन और डिजिटाइजेशन की संभावनाओं को तलाशने रूस गए भारतीय प्रतिनिधि मंडल दल के सदस्य भी रह चुके हैं।