सिंगरौली एवं सोनभद्र पुलिस की बड़ी कार्यवाही
अत्यंत संवेदनशील मामले में बेहद गोपनीय तरीके से की गई कार्रवाई
बीते माह 17 जुलाई को सोनभद्र जनपद के घोरावल थाने के उभ्भा गांव में जमीनी विवाद में हुए नरसंहार के मामले में सोनभद्र एवं सिंगरौली पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर 2 आरोपियों की गिरफ्तारी गढ़वा क्षेत्र से कराई गई है। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश पुलिस की निशानदेही पर हुई है। जानकारी अनुसार आरोपियों की धरपकड़ में लगी यूपी पुलिस को सूचना मिली थी की घटना में फरार आरोपी मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में छुपे हो सकते हैं। जिसके बाद उन्होंने सिंगरौली पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन से संपर्क साधा। इस संवेदनशील मामले में सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शिंदे की अगुवाई में एसडीओपी डॉ कृपाशंकर द्विवेदी, मोरवा निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह, विंध्यनगर निरीक्षक मनीष त्रिपाठी एवं गढ़वा निरीक्षक राम ध्यान द्विवेदी एवं सोनभद्र पुलिस द्वारा पुलिस बल लेकर देर रात बगदरा गांव को घेर आरोपियों की तलाश शुरू की। कई घंटों तक चली तलाशी के बाद आरोपी तीरथ प्रसाद भुर्तिया पिता राजाराम भुर्तिया उम्र 52 वर्ष साकिन बगदरा एवं मुन्नीलाल सिंह पिता लोकमानी सिंह उम्र 45 वर्ष साकिन बहरी को गिरफ्तार कर सीओ सिटी डॉ कृष्ण कुमार पांडे एवं अनपरा थाने के एसआई धर्मेंद्र यादव के सुपुर्द किया गया।
गौरतलब है की बीते माह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में 100 बीघा जमीन के विवाद में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर और उनके लोगों ने गोंड़ बिरादरी के लोगों पर लाठी-डंडे और बंदूकों के दम पर बोल दिया था। इस खूनी संघर्ष में एक पक्ष के 10 लोगों की जान चली गई वहीं 26 लोग घायल हो गए। देश को झकझोर देने वाली घटना में सोनभद्र के डीएम अंकित कुमार अग्रवाल, एडीजी बृजभूषण, डीआईजी पीयूष श्रीवास्तव और एसपी सलमान ताज पाटिल ने घटना को संज्ञान में लेते हुए 28 लोगों को नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। मामले में मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर समेत कई लोग पूर्व में ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अत्यंत संवेदनशील मामले में बेहद गोपनीय तरीके से की गई कार्रवाई
इस संवेदनशील मामले में जिले की पुलिस ने बेहद गोपनीय तरीके से कार्रवाई की। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इससे पूर्व भी उत्तरप्रदेश की पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने का प्रयास अपने स्तर पर किया था परंतु वह नाकाम रहे थे। जिसके बाद उन्होंने सिंगरौली पुलिस से संपर्क साधा। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर पूरी कार्यवाही को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया। इस कार्यवाही में 50 से ऊपर पुलिस अधिकारी व आरक्षक रात भर खोजबीन में लगे रहे। इसके लिए पुलिस की टीमें बनाई गई थी, जिन्होंने देर रात 11 बजे से सुबह तक खोजबीन कर आरोपियों को पकड़ा।