जीते जी रक्तदान और मरने के बाद करें नेत्रदान : बमेन्द्र

नेत्रदान जागरूकता चला बमेन्द्र ने भरवाए 11 शपथ पत्र

औरंगाबाद। दुनिया की खूबसूरती देखने के लिए हमे आँखों का ही सहारा होता है।आंखें न होने का दुख वही समझ सकता है जिनके पास आंखे नही हैं।आंखे न सिर्फ हमें रौशनी दे सकती है बल्कि हमारे मरने के बाद वह किसी और की जिन्दगी से भी अंधेरा हटा सकती है।उक्त बातें औरंगाबाद के समाजसेवी एवं पथ प्रदर्शक संस्था के सचिव बमेन्द्र कुमार सिंह ने भूमि संरक्षण कार्यालय औरंगाबाद में पदाधिकारीयों एवं कर्मियों को नेत्रदान के प्रति जागरूक करते हुए कहा। बमेन्द्र ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार भारत मे लगभग सवा करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं।यदि देश मे एक साल में मरने वाले सभी अपनी आंखें दान कर दें तो देश के सभी नेत्रहीन को एक वर्ष में आंखे मिल जाएंगी। राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत 25 अगस्त 2019 से 8 सितंबर 2019 तक पूरे देश में आई डोनेशन फोर्टनाइट के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके लिए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, अंधापन नियंत्रण कोषांग,पटना द्वारा सभी जिलों में पत्र निर्गत किया गया है।अभियान के प्रति विशेष विभागीय रुचि न दिखने पर पथ प्रदर्शक के सचिव बमेन्द्र कुमार सिंह ने नेत्रदान अभियान को तेज करते हुए लोगों के बीच जागरूकता शुरू किया और पहले ही दिन 11 लोगों ने मरणोपरांत नेत्रदान करने का शपथ पत्र भरा। मरणोपरांत नेत्रदान का शपथ पत्र भरने वालों में स्वयं बमेन्द्र कुमार सिंह स्वास्थ्य विभाग के सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, राकेश कुमार राय, आशुतोष रंजन, भूमि संरक्षण विभाग औरंगाबाद के संजय कुमार, क्षितिश नारायण झा, कुणाल कुमार,अर्जुन कुमार गिरी, ऋचा कुमारी, रॉबिन्स राज एवं सुमित कुमार त्रिपाठी शामिल हैं।

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