उभ्भा पीड़ितों के साथ हो रही धोखाधड़ी आपत्ति के लिए तहसील बुला गांव में ही रोका

स्वराज अभियान ने दर्ज करायी आपत्ति
सोनभद्र 29 अगस्त 2019, उभ्भा नरसंहार के पीड़ित परिवारों के साथ धोखाधड़ी जारी है। सर्वे नायब तहसीलदार घोरावल द्वारा अखबारों में विज्ञापन देकर आदर्ष कोआपरेटिव सोसाइटी द्वारा उभ्भा व सपही गांव में फर्जी तरीके से दर्ज करायी भूमि पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए ग्रामीणों को तहसील घोरावल में बुलाया गया था। लेकिन कल सुबह से ही सर्वे लेखपाल और कानूनगो ग्राम उभ्भा में पहुंचे और ग्रामीणों को यह कह कर रोक दिए कि यहीं मौके पर वास्तविक कब्जे की जांच की जायेगी। परिणामस्वरूप कल तहसील में ग्रामीण अपनी आपत्ति ही दर्ज नहीं करा सके। प्रषासन द्वारा की गयी इस कार्यवाही पर गहरी आपत्ति दर्ज कराते हुए स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल व मजदूर किसान मंच के जिला सचिव राजेन्द्र सिंह गोंड़ ने उपजिलाधिकारी घोरावल को पत्र लिखा और उनसे उभ्भा नरसंहार के पीड़ितों को आदर्ष कोआपरेटिव सोसाइटी के नाम फर्जी तरीके से दर्ज करायी भूमि पर आपत्ति दर्ज कराने का अवसर प्रदान करने की मांग की है।

वहीं आज तहसील परिसर में मजदूर किसान मंच की बैठक भी की गयी और सेवालाल कोल को मजदूर किसान मंच का तहसील संयोजक व अमर सिंह गोंड़ को सहसंयोजक बनाया गया। बैठक में घोरावल तहसील प्रषासन द्वारा वनाधिकार कानून के अनुपालन के सम्बंध में शासन को असत्य और मनगढं़त सूचना भेजने की कड़ी निंदा की गयी। बैठक में लिए प्रस्ताव में कहा गया कि तहसील प्रषासन ने निदेषक जनजाति विकास को सुप्रीम कोर्ट में योजित रिट के सम्बंध में सूचना भेजी है कि घोरावल में वनाधिकार कानून के तहत जमा दावों के तहसील स्तर पर अस्वीकृत करने की सूचना दावेदारों को कर दी गयी है। जबकि सच्चाई यह है कि आज तक किसी भी दावेदारों को उसके दावों के सम्बंध में सूचित नहीं किया गया और न ही दावों पर पुर्नसुनवाई हुई। जबकि स्वराज अभियान से जुड़ी आदिवासी वनवासी महासभा की जनहित याचिका में हाईकोर्ट इलाहाबाद ने सरकार से पुनर्सुनवाई करने का आदेष दिया था। उलटे घोरावल में वन विभाग वनाधिकार कानून के तहत दावा जमा करने वालों को अवैध अतिक्रमणकारी घोषित कर उनकी सूची तैयार कर रहा है, इस सूची के नाम पर वन विभाग द्वारा धन उगाही की जा रही है, आए दिन दावाकर्ताओं की बेदखली की जा रही है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसलिए बैठक में मांग की गयी कि वनविभाग द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न पर रोक लगायी जाए और हाईकोर्ट के आदेष के अनुरूप वनाधिकार कानून के तहत जमा दावों का निस्तारण किया जाए।
बैठक में स्वराज इंडिया के राज्य कार्यसमिति सदस्य दिनकर कपूर, कांता कोल, राजेन्द्र सिंह गोंड़, मनोज भारती, श्रीकांत सिंह, सेवालाल कोल, युसुफ खान, संतलाल बैगा, अमर सिंह गोंड़, गुलाब गोंड़, केषनाथ मौर्य, रामदुलारे प्रजापति आदि लोगों ने अपने विचार रखें।

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