विद्युतअभियंताओं के द्वारा किया गया प्रदेश व्यापी धरना- प्रदर्शन

ओबरा/सतीश चौबे
अक्टूबर माह को केबिल गैलरी में लगी आग के लिए व अनपरा डी तापीय परियोजना के सातवीं इकाई के सीआरएच लाईन में हैमेरिंग होने से इकाई के बंद होने की घटना के मामले में अधिकारीयों व कर्मचारियों पर हुई कार्यवाई को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।इस दण्डात्मक कार्यवाई को लेकर अभियन्ता संघ ने सोमवार को प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों में विरोध प्रदर्शन किया।

वहीँ ओबरा में भी अभियंताओं व कर्मचारियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया एवं निगम प्रबन्धन द्वारा दोषपूर्ण तरीके से ओबरा तथा अनपरा के अभियंताओं व कर्मचारियों के विरुद्ध एकतरफा की गयी कार्यवाही की कड़ी निन्दा की।सभा को संबोधित करते हुए अभियन्ता संघ के इं अदालत वर्मा, इं बीएन सिंह, अधिकारी एसोसिएशन के इं सुजीत कुमार सिंह, बिजली मजदूर संगठन के राम यज्ञ मौर्य व उमेश चंद्र, प्राविधिक कर्मचारी संघ के सुरेंद्र जालाप, विद्युत मजदूर संघ के शशिकान्त श्रीवास्तव व अम्बुज सिंह, कार्यालय कार्मिक संघ (मु0अभि0सं0) के शाहिद अख्तर, कार्यालय सहायक संघ के दीपक कुमार सिंह, बिजली कर्मचारी संघ के सुनील पवार व योगेन्द्र प्रसाद, ताप विद्युत मजदूर संघ के सत्य प्रकाश सिंह ने संयुक्त रूप से इस दमनात्मक कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि निगम प्रबन्धन एक तरफ तो बिजली अभियन्ताओं को आवश्यक मैन, मैटीरियल एवं बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल रहा है एवं अपने विफलता छुपाने एवं अधिकारीयों व कर्मचारियों का इसके साथ अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए दण्ड एवं भय पैदा कर अभियन्ताओं का मनोबल तोड़ना चाहता है।आगे कहा कि वर्तमान में सभी ऊर्जा निगमों में उच्च प्रबन्धन में बैठे अधिकारियों द्वारा विद्युत कर्मियों के प्रति भय का वातावरण पैदा किया गया है, अभियन्ताओं को डराया जा रहा है, उनकी पदोन्नतियां रोकने की पूरी कोशिशें की जा रही हैं, अभियन्ताओं व कर्मचारियों का हर दर्जे का उत्पीड़न किया जा रहा है।बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी को नकारा घोषित किया जा रहा है। जिससे प्रबन्धन द्वारा अपने चहेतों एवं चहेती कम्पनियों को अनाप-शनाप दरों पर समायोजित किया जा सके एवं सरकारी धन की लूट मचाई जा सके। वक्ताओं ने सभा के माध्यम से सीआईएसएफ के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा किया।कहा कि सीआईएसएफ पर प्रतिवर्ष करोड़ों रूपया खर्च किया जाता है।जिस समय केबिल गैलरी में अग्नि दुर्घटना हुयी उस समय 12वीं इकाई के जीर्णोद्धार के बाद संचालन के दौरान मौके पर पहले से ही फायर टेंडर व सीआईएसएफ के जवान तैनात किये गए थे।आग लगने की शुरुआत फायर टेंडर से महज 30 से 40 मीटर की दूरी पर ही हुयी थी।ऐसे में आग तुरंत क्यों नहीं बुझाई गयी? सुबह तक 12वीं व 13वीं इकाई के कण्ट्रोल रूम में आग नहीं पहुंचा था।अगर समय रहते सीआईएसएफ द्वारा सुरुआती आग को बुझा दिया गया होता तो शायद मुख्य नियंत्रण कक्ष,12वीं, 13वीं यूनिट का कण्ट्रोल रूम, स्विचगेअर सहित अन्य एरिया जलने से बचा लिए गया होता।फिर भी सीआईएसएफ के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुयी।विरोध सभा में अ एवं ब ताप विद्युत गृह के कोयला सञ्चालन संयंत्र खण्ड के सभी कार्यों को एकीकृत करके एकल निविदा के माध्यम से पूर्व में द्विवार्षिक कुल लागत लगभग 17 करोड़ की तुलना में न्यूनतम दर वाले मेसर्स एका लॉजिस्टिक द्वारा लगभग 23 करोड़ में करने का भी विरोध किया गया।
बिजली कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेता अजय सिंह ने कहा कि पूर्व में 7 संविदा श्रमिकों को निकाले जाने पर 21 दिन आंदोलन करने के बाद लिखित आश्वासन के बावजूद अभी तक उनको कार्य पर वापस नहीं रखा गया।ऐसे में विगत 25-30 वर्षों से इन खण्डों में कार्यरत सभी 250 श्रमिको/संविदा श्रमिकों को कार्य से नहीं निकाला जायेगा इसकी क्या गारंटी है।सभा की अध्यक्षता बीडी विश्वकर्मा तथा संचालन सत्य प्रकाश ने किया।इस दौरान मुख्य अभियन्ता इं कृष्ण मोहन, अधीक्षण अभियन्ता इं मनोज सक्सेना, इं दूधनाथ यादव, इं एचएन पाण्डेय, इं सुनील कुमार, इं सुरेश, इं ज्ञानेन्द्र सिंह, अधिशाषी अभियन्ता इं छोटे लाल, इं जय राम वर्मा, इं आरके सिंह, इं जीएन मिश्र, इं एमए खान, इं देव मुनि राम, इं अनुराग अस्थाना, इं अंकित प्रकाश, इं मनीष तिवारी, इं मनोज यादव, इं मनीष मिश्र, इं सीवी सिंह, इं वीके धीमान, इं नवीन मिश्रा, एसपी यादव, कैलाश, राजाराम, पशुपतिनाथ विश्वकर्मा, विजय सिंह, विजय शंकर तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, सतीश कुमार, विजय शंकर मिश्र सहित सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता तथा कर्मचारी मौजूद रहे।

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