हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने गोवंश आश्रय केंद्र का किया निरीक्षण,जाना हाल

सोनभद्र। प्रवास के दौरान पर्यावरण वन व मौसम मंत्रालय,भारत सरकार के मानद प्रदेश पशु कल्याण अधिकारी हिमांशु राज़ द्वारा गौशालाओं व पशु संरक्षण केंद्र के निरीक्षण हेतु आना हुआ।इसी क्रम में सोनभद्र के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज स्थित गौ संरक्षण केंद्र में हिन्दू युवा वाहिनी, सोनभद्र के जिला प्रभारी डा. उपेन्द्र देव पाण्डेय, जिला संयोजक राजेश कुमार, जिलाध्यक्ष विवेकानंद पाण्डेय और हिन्दू युवा वाहिनी, सोनभद्र के अनेकों कार्यकर्ताओं के साथ जाना हुआ।यहाँ गाय और सांडो की संख्या तकरीबन 300 है। पशुओं की स्थिति इस संरक्षण केंद्र में अन्य संरक्षण केंन्द्रों से बेहतर लगी। कुछ गायें बीमार थी पर चिकित्सा की समुचित व्यवस्था है। गौवंश का इलाज पट्टी, दवा व इंजेक्शन अपने सामने पशु चिकित्सक की उचित देख -रेख में सम्पन्न किया। इस संरक्षण केंद्र में स्वस्थ व अस्वस्थ पशुओं का आवास अलग-अलग है।

स्वस्थ होने के बाद पशुओं को पुनः स्वस्थ पशुओं के आवास में डाल दिया जाता है। संरक्षण में चिकित्सा कक्ष की समुचित व्यवस्था न होने पर हिमांशु राज़ के द्वारा अधिकारियों व संरक्षण केंद्र से जुड़े लोगों से इस विषय पर सारगर्भित चर्चा की गयी। निष्कर्ष स्वरूप प्रांगण में चिकित्सा कक्ष निर्मित करने पर सम्बद्ध जनों अपनी मुहर लगा दी है, और कार्य शुरू भी हो गया है। जल्द ही पशुओं के लिए इसी प्रांगण में हर सुविधा से लैस एक पशु चिकित्सालय होगा। पत्रकारों से बातचीत में हिमांशु जी बताया कि,””अभी लोगों कों जीव जंतु कल्याण बोर्ड के बारे में ही जानकारी नहीं है लोगों को नहीं पता कि पशुओं के भी अधिकार है,उनके लिए भी कानून है.पशुओं पर किसी तरह की भी क्रूरता दंडनीय अपराध है”.

प्रदेश प्रभारी ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा कि,”प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खानों पर सख्ती से सड़कों पर गौवंश की संख्या बढ़ गई है। इन्हें पालने वाले बूढ़ी हो जाने पर गायों को सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ देते हैं। सड़कों पर गौवंश की भरमार की शिकायत पर सरकार सक्रिय हो गई है और अब सरकार 68 जिलों जिलों में गौसंरक्षण केंद्र खोलने जा रही है। गौसंरक्षण केंद्र बनाने के कुछ मानक निर्धारित किये गए है। संरक्षण केंद्र को बनाने में 10 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। चारागाह की जमीन पर गौसंरक्षण केंद्र का निर्माण नहीं किया जाएगा।संरक्षण केंद्र में पक्के निर्माण के अलावा पशुओं के घूमने की भी व्यवस्था की जाएगी।संरक्षण केंद्र में 14 हजार वर्ग फुट में चार गौवंश शेड बनाए जाएंगे। दो हजार वर्ग फिट में दो चारा गोदाम, तीन सौ वर्ग फिट में कार्यालय और दवा केंद्र, 11 सौ वर्ग फिट में छह कर्मचारी आवास और आठ सौ वर्ग फिट में चार चरहियां बनेंगी इसके अलावा शेड के बाहर 54 सौ वर्ग फिट का खुला क्षेत्र होगा। प्रदेश सरकार की 900 रुपये प्रति माह छुट्टा पशुओं की देखरेख के देने की घोषणा से कई लोग सचेत हुए है और छुट्टा पशुओं के संरक्षण की मुहिम में जुड़ रहे है। अभी भी काफी कुछ बाकि है पशुधन क्षेत्र में करने के लिए…मुख्य समस्या नित्य चारे के खर्चे का है..प्रदेश में लोग योगी सरकार के काफी कुछ उम्मीद पाले हुए है और सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है संभवतः कुछ समय पश्चात सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो।

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