25/08/2019
लखनऊ/ यूपी में योगी सरकार द्वारा लागू किया गया प्रेरणा ऐप का आदेश कतई उचित नहीं है। प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति एवं विद्यालयों की मॉनिटरिंग किया जाना कतई व्यवहारिक नहीं है क्योंकि सरकार विद्यालय द्वारा प्रेरणा ऐप को संचालित करने हेतु ना तो, कोई एंड्राइड मोबाइल फोन और ना ही रिचार्ज नेट की व्यवस्था की गई है, साथ ही दूर ग्रामीण अंचलों में स्थित विद्यालयों में निरंतर नेटवर्क भी नहीं मिलता। ऐसे में प्रदेश के शिक्षकों के ऊपर यह कार्य थोपना न्याय संगत नहीं है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की यहां स्थित सिंचाई भवन, मुख्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में आज आयोजित एक बैठक में मुख्य रूप से शासन द्वारा लागू किए गए ‘प्रेरणा ऐप’ के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी आदेश वापस लिए जाने पर जोरदार चर्चा हुई, साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग। शिक्षकों को न्यूनतम वेतन 17140 व 18150 किए जाने का शासनादेश जल्दी जारी किए जाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व्यापक चर्चा/परिचर्चा हुई।
बैठक में समस्त जिला अध्यक्ष/ मंत्री एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी ने प्रदेश के समस्त शिक्षकों के हित में सर्वसम्मति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
बैठक में खासतौर पर कहा गया कि अगर जल्दी ही शिक्षक समस्याओं के समाधान ना होने तथा प्रेरणा ऐप संबंधी निर्गत आदेश को विभाग व सरकार द्वारा वापस नहीं लिया गया तो, प्रदेश का शिक्षक 04 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर धरना- प्रदर्शन करेगा।
बैठक को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार/ बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निरंतर प्रदेश के शिक्षकों के कार्य एवं व्यवहार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जाना, न्याय उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा शिक्षकों को प्राप्त होने वाली सुविधाओं पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्यालयों के संविलियन के नाम पर हजारों पद समाप्त किए जा रहे हैं। केंद्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार महंगाई भत्ता को छोड़कर कोई भी भत्ता प्रदेश के शिक्षकों को प्राप्त नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों की तमाम समस्याएं आज शासन में लंबित हैं, उनका समाधान नहीं किया जा रहा है।
संघ के अध्यक्ष ने खासतौर पर कहा कि जल्दबाजी में सरकार द्वारा लागू किया गया प्रेरणा ऐप का आदेश कतई उचित नहीं है। प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति एवं विद्यालयों की मॉनिटरिंग किया जाना, व्यवहारिक व उचित नहीं है, क्योंकि सरकार विद्यालय द्वारा प्रेरणा ऐप को संचालित करने हेतु ना तो कोई एंड्राइड मोबाइल फोन और ना ही रिचार्ज नेट की व्यवस्था की गई है। साथ ही दूर ग्रामीण अंचलों में स्थित विद्यालयों में निरंतर नेटवर्क भी नहीं मिलता, ऐसे में प्रदेश के शिक्षकों के ऊपर यह कार्य थोपना न्याय संगत नहीं है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार इस निर्णय को तत्काल वापस ले वरना प्रदेश का शिक्षक सड़कों पर उतर कर बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।