
रिपोर्ट – नीलेश तिवारी
नई दिल्ली।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज व प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न व समृद्ध राज्य के बावजूद राज्य की ज्यादातर आबादी कुपोषित, अशिक्षित, बीमार, आवासहीन और भूमीहीन हो तो, ऐसी स्थिति में सरकार के कामकाज पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है। ऐसा मापदंड नहीं चलेगा, जिसमें एक तरफ प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ा हो और दूसरी तरफ गरीबी भी बढ़ी हो। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने अपना विजन स्पष्ट कर विकास के नए मापदंड तय किए। ‘नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप दिया है। हम स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देंगे. इसके लिए स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे उद्योग स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रख लगायेंगे।
, बघेल रविवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘नए नेतृत्व में बदलते छत्तीसगढ़ विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे।इस अवसर पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन सहित देश के ख्याति प्राप्त बुद्धिजीवी भी उपस्थित थे।
बघेल ने कहा कि जिन लोगों को उल्टे चश्मे से देखने की आदत थी, वो प्रदेश की 2 करोड़ आबादी का भला कैसे करते? जिन्हें गांधी-नेहरू की सर्वजन हिताय नीतियों के दुराव था, वो गरीबों का भला कैसे करते. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, किसान, ग्रामीण, महिलाएं, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और वह नई पीढ़ी है, जिसके कंधे पर कल प्रदेश और देश संभालने की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में देश के क्षेत्रफल का 24.4 फीसदी वन हैं। इस्पात, सीमेंट, टीन, एल्यूमिनियम उत्पाद में देश में अग्रणी है. बॉक्साइट का प्रचूर भंडार है हमारे पास टीन उत्पाद में देश इकलौता राज्य है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि, छत्तीसगढ़ आज भी जनसंख्या के विस्फोट से बचा हुआ है।
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