श्रावण मास का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी का दुर्लभ संयोग दशकों के बाद आया

शक्तिनगर सोनभद्र। श्रावण मास का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी का दुर्लभ संयोग दशकों के बाद आया। जिसे लेकर शिव भक्तो का विभिन्न शिव मंदिरों में भीड लगी रही। भगवान शिव की उपासना का पवित्र माह के तीसरे सोमवार को श्रद्धालुओं ने सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना की। सुबह 5 बजे से ही मंदिरों मे लोग पहुंचने आरंभ हो गए थे। जलाभिषेक के बाद सुगन्धित द्रव्य व चंदन के लेप के साथ आक पुष्प, कनेर, धतूरा, बिल्वपत्र सहित अन्य पुष्प व पत्रों से भगवान को श्रृंगार धराया गया। षिव महिमा, लिंगष्टकम, बिल्वाष्टकम, शिव पंचाक्षर स्त्रोत, रूद्राष्टकम आदि शिव स्त्रोतो के पाठ हुए। श्रद्धालुओं ने शिव जी का जल व दूध से अभिषेक किया तथा आक पुष्प व बिल्वपत्र अर्पित कर पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रसाद चढाकर आरती उतारकर सुख समृद्धि की कामना की। शाम को शिवालयों में भजनकीर्तन हुए। भगवान भोले नाथ के दर्षनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। यहां रही ज्यादा भीड क्षेत्र के प्रमुख शिवालयों विषेषकर विद्युत विहार आवासीय परिसर में स्थित श्री शक्तेष्वर महादेव मंदिर, एनसीएल खडिया आवासिय परिसर में स्थित चैतन्य वाटिका, मां ज्वालामुखी मंदिर, खडिया बाजार स्थित श्री मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर, कोहरौल शिव मंदिर में जलाभिषेक पूजन के साथ ही हर-हर महादेव के नारे गुंजायमान होते रहे। बम भोले के गगनभेदी जयकारों के बीच सुबह से ही शुरू हुए अभिषेक और श्रृंगार के बीच छोटे बडे सभी शिवालयों में पूजा अर्चना के बाद शाम को भजन कीर्तन के आयोजन किया गया। विभिन्न मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओ मे अधिकांश ने सोमवार का व्रत रखा हुआ था। उनका कहना था कि सावन के सोमवार का व्रत काफी फलदायी होता है। इस दौरान सच्चे मन से मांगी गई मुराद भगवान षिव षंकर पूरी करते है। विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से विषेष व्यवस्था थी। जलाभिषेक के लिए महिलाओं और वृद्धों को किसी प्रकार की परेषानी नही आए इसके लिए सेवादार भी जुटे हुए थे। –

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