सुन्दरीकरण के बाद एयरपोर्ट की तरह बना चुका है यह स्टेशन, जानिए क्या है कहानी
वाराणसी। सुन्दरीकरण के बाद प्रदेश के सबसे भव्य स्टेशन का नाम बदलने की तैयारी शुरू हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019के पहले ही इस स्टेशन का प्रस्ताव तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बनाया था जिसे अब डीएम ने शासन को भेज दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की अनुमति मिलने के बाद इस स्टेशन का नाम बदल जायेगा।
सामान्य से दिखने वाला स्टेशन अब इतना भव्य बन गया है कि कार से सीधे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचा जा सकता है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर दिया है। पहले सामान्य से दिखने वाला स्टेशन अब इतना भव्य बन गया है कि कार से सीधे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचा जा सकता है। मंडुवाडीह स्टेशन की भव्यता को देखते हुए इसे प्रदेश के टॉप स्टेशन में एक माना जा रहा है। एयरपोर्ट की तरह यहां पर यात्री सुविधा देने की तैयारी है। बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन से चलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेन अब मंडुवाडीह से चलने लगी है जिसके चलते स्टेशन पर यात्रियों की चहल-पहल भी बढ़ गयी है। अब इस स्टेशन का नाम बदलने की तैयारी चल रही है।
*बनारस होगा मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम
तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस रेलवे स्टेशन रखने रखने की तैयारी की गयी है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। दुनिया का सबसे प्राचीनतम शहर बनारस में पहले से ही कई रेलवे स्टेशन है इसमे से काशी, वाराणसी कैंट व मंडुवाडीह प्रमुख है लेकिन किसी स्टेशन का नाम बनारस नहीं है ऐसे में मंडुआडीह स्टेशन का नाम बनारस हो जाता है तो यात्रियों को शहर में आने में आसानी हो सकता है। प्रदेश के अन्य राज्यों से लोग शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर व मां गंगा मेें स्नान करने आते हैं उनके बीच में बनारस नाम बहुत प्रसिद्ध है लेकिन जब बनारस आने के लिए ट्रेन की खोज की जाती है तो यह नाम गायब मिलता है यदि इस स्टेशन का नाम बनारस हो जाता है तो बाहर के पर्यटकों को आसानी होगी।
दीनदयाल उपाध्याय हो चुका है मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम
पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में चंदौली में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का दीनदयाल उपाध्याय किया जा चुका है। इसके बाद मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन दूसरा होगा, जिसका नाम बदल सकता है। फिलहाल नाम बदलने को लेकर अब केन्द्र प्रदेश सरकार के पाले हैं और इस बात की प्रबल संभावना है कि जिला प्रशासन के नाम बदलने के प्रस्ताव को यूपी सरकार से मंजूरी मिल जाये।