सोनभद्र।खनन निदेशक रोशन जैकब के सोनभद्र दौरे के बाद कई टीमो द्वारा खनन क्षेत्रो की समस्याओं को दूर कर वन राजस्व व खनन विभाग द्वारा जल्द से जल्द धारा 20 व धारा 4 को लेकर वरिष्ठ खनन व्यवसायी नेता नंदलाल पाण्डेय ने कहा कि धारा 20 व 4 के खेल में पूरा खनन क्षेत्र बर्बाद हो रहा है।खनन सोनभद्र की लाइफलाइन है, इसे संरक्षित किया जाय तभी सोनभद्र का विकास होगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि खनन क्षेत्र को औद्योगिक का दर्जा दिया जाए।
धारा 20 का प्रकाशन जब तक नही होता है तब तक जो क्रेशर व खनन पट्टे जो प्रभावित हो रहे है उनको तत्काल प्रभाव से चालू किया जाए।जनहित ,उद्योग हित व राजस्व हित को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावित हुए खनन पट्टो को चालू किया जाए।जिससे भुखमरी बेरोजगारी व मजदूरों के पलायन होने के साथ साथ खनन व्यवसायी पलायन करते हुए दूसरे राज्यो में रोजगार के लिए पलायन होने को बाध्य हो रहे है।जबकि पूर्व में जब ऑनलाइन परमिट लागू हुई थी उससे पहले मैनुअल परमिट व्यवस्था के तहत उस मद में राजस्व के रूप में पट्टाधारकों द्वारा रॉयल्टी से प्राप्त हुए रूपये जमा कराया गया था।जबकि रुपये जमा कराने के बाद भी वन विभाग व राजस्व विभाग के बीच जो प्रभावित खनन पट्टे है उनको बन्द करा दिया गया है।जहाँ व्यवसायियों से राजस्व भी जमा करा लिया गया जबकि खनन पट्टो को भी बन्द करा दिया गया है।बताया कि खनन पट्टे की अनुमति शासन व जिलाधिकारी की स्वीकृति से ही होता है जबकि वन विभाग द्वारा ही अनापत्ति प्रणाम पत्र देने के बाद ही खनन पट्टा होता है।जिसे बिना उचित कारण बताए बन्द करा दिया गया है।सीधे सीधे खनन उद्योग के बन्द होने से मजदूरों के साथ स्थानीय व्यवसायियों की दुर्दशा के साथ साथ भुखमरी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।