-नारे तकबीर की सदाओं से गूँजता रहा सफ़रे हज
-दुवाओं की तलबगारी में अजीजों के आंखों से उमड़ा जज्बातों का दरिया
दुद्धी।(भीमकुमार) कादरिया ग्रुप के संस्थापक सुन्नी धर्मगुरु हजरत नसीरे मिल्लत की सरपरस्ती में सोमवार की शाम हाजियों का जत्था हज 2019 के मुक़द्दस सफ़र पर रवाना हो गया। सुबह से देर शाम तक हजरत के दुद्धी स्थित आवास से लेकर दारुल उलूम कादरिया नूरिया, मदरसा जामिया रिज्विया दीघुल, जामा मस्जिद दुद्धी के अलावा कई शागिर्दों के घर जाकर हजरत ने दुआख्वानी की और लोगों से गले मिले। इस दौरान हजरत से मक्का-मदीना शरीफ की मुबारक सरजमीं पर अपनी दुवाओं की तलबगारी में अजीजों की आंखों से जज्बातों का दरिया उमड़ पड़ा। अकीदतमंद लोग हजरत के जुबानी अपनी मुरादों को अल्लाह व उसके रसूल के दरबार में पहुंचाने के लिए जारो कतार रोकर अपनी फरियाद नसीरे मिल्लत से कर रहे थे। सैकड़ो लोगों के बीच हाजियों का जत्था समूचे दिन दुद्धी व आसपास के अंचलों में भ्रमण के बाद
सायंकाल 5 बजे त्रिवेणी एक्सप्रेस पकड़ने चोपन के लिए 20-25 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुआ। चोपन रेलवे स्टेशन पहुँचते ही रेलवे स्टेशन की सजावट देख लोगों के मुँह से बरबस ही मासा अल्लाह और सुबहान अल्लाह निकलने लगा। पूरे स्टेशन को गुब्बारों की लड़ियों से सजाकर जगह-जगह स्वागत द्वार बनाये गए थे। हाजियों के काफ़िला स्टेशन पर पहुंचते ही नारे तकबीर अल्लाहो अकबर, नारे रिसालत या रसूलल्लाह, जायरीने मदीना जिंदाबाद, हज का सफर मुबारक हो, अल मदीना-चल मदीना, आज नहीं तो कल मदीना, हुज़ूर नसीरे मिल्लत जिंदाबाद, हाफ़िज़ कारी उस्मान साहब व हाजी जियाउल हक साहब ज़िंदाबाद जैसे नारों से स्टेशन परिसर गुंजयमान हो उठा। हज के इस मुबारक सफर पर हुज़ूर नसीरे मिल्लत के साथ उनकी धर्मपत्नी राफिया खातून, उनके खास सहयोगी व अरबी महाविद्यालय के मुदर्रिस कारी उस्मान साहब, छत्तीसगढ़ के जियाउल हक अपनी अहलिया अनवरी बनो के साथ रवाना हुए। हाजियों के काफिले को छोड़ने एक ओर दुद्धी से जहां सैकड़ों लोग चोपन स्टेशन पर पहुंचे थे वहीं अहरौरा, रेनुकूट, ओबरा, राबर्ट्सगंज, डाला सहित चोपन नगर के भारी संख्या में हजरत से निस्बत रखने वाले अकीदतमंद लोग पहुंचकर नम आंखों से उनके कामयाब सफ़र की मुबारकबाद व अपने लिए भी दुआ की आजिज़ी की। चोपन से हाजियों के जत्थे के साथ 35 लोग लखनऊ के लिए भी रवाना हुए। हाजियों को मक्का के लिए लखनऊ से 31 जुलाई को फ्लाइट है। इस अवसर पर दुद्धी के सदर मु.शमीम अंसारी, अहरौरा के अब्दुल मजीद अंसारी गुड्डू भाई, हाफिज मसऊद रज़ा, जुबेर आलम, हाजी निजामुद्दीन, कालीमुल्लाह खान, मास्टर कौनेन, साबिर भाई, पेशिमाम सईद अनवर, मौलाना गुलाम सरवर, हाफिज तौहीद, मौलाना वकील सहित चोपन के एजाज भाई अपने सैकड़ों सहयोगियों के साथ हाजियों को विदाई दी।