सावन के पहले सोमवार पर काशी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, 1.30 लाख से ज्यादा ने किया जलाभिषेक

हर-हर महादेव और बोल बम के नारों से गूंजा विश्वनाथ दरबार

काशी के हर शिवालयों में भक्तों का लगा रेला

घर-घर में पूजे गए भगवान शंकर
माला-फूल के दाम में बेतहाशा वृद्धि

वाराणसी। सावन का पहला सोमवार और काशी, फिर क्या पूछना। देश के कोने-कोने से आए शिवभक्तों का रेला सा लग गया है यहां काशी में। हर भक्त की एक ही मुराद जैसे भी हो बाबा विश्वनाथ की एक झलक मिल जाए। भूत भावन शंकर के दरबार में शीष नवाने और जलाभिषेक के लिए रविवार की रात से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतार लग गई। काशी विश्वनाथ के दर्शन को लालायित भक्तों और कांवरिया को इंतजार रहा तो बस पट खुलने का। आलम यह था कि बाबा दरबार जाने को एक ओर मैदागिन से जहां लंबी लाइन लगी रही वहीं दूसरी ओर रामापुरा तक यू आकार में श्रद्धालु कतारबद्ध नजर आए। सुबह 6:00 बजे तक ही 40हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिया था। नौ बजे तय आंकड़ा 93 हजार तक पहुंच गया और दो घंटे बाद 11 बजे तक 1.30 लाख से ऊपर श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके थे। सुबह तड़के 500 लोगों ने मंगला आरती देखी जिसमें 300 टिकट लेने वाले थे। शेष वीआईपी।

मंगला आरती के बाद बाबा 3.50 बजे ही विश्वनाथ के पट खोल दिए गए और शुरू हो गया साल के सबसे बड़े सोमवार पर बाबा के अभिषेक का सिलसिला। हालांकि इस बार मंदिर प्रशासन की नई व्यवस्था के तहत किसी को गर्भगृह में नहीं जाने दिया जा रहा। भक्त झांकी दर्शन ही कर पा रहे हैं। बावजूद इसके आस्था का सैलाब जैसे टूट पड़ा है बाबा दरबार में। पूरा विश्वनाथ परिक्षेत्र हर-हर महादेव और बोल बम के नारों से गुंजायमान है। पिछले सालों की तरह इस बार भी मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालूओं के आने-जाने के मार्ग में रेड कारपेट बिछा रखा है। हफ्ते भर की किच-किच के बाद यदुवंशी समाज के लोगों ने भी सुबह 8 से 11 बजे के बीच परंपरागत रूप से बाबा के गर्भगृह में जा कर जलाभिषेक किया। अन्य सभी श्रद्धालुों को झांकी दर्शन ही मिला।

बता दें कि यूं तो सावन 17 जुलाई बुधवार को ही लग गया था, आज 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। ऐसे में द्वादश ज्योतिर्लिंगो में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखो श्रद्धालू रविवार से यहां कतारबद्ध खड़े नजर आए। सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ के दर्शन से सभी मनोकामना पूरी होने की आस से आज लाखो श्रद्धालू पवित्र गंगा में डुबकी लगायी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन किया। इस मौके पर कोई भी अव्यवस्था न हो उसके लिए वाराणसी जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए है।

कमोबेश यही हाल जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर, रामेश्वर महादेव, बैजनाथ धाम, त्रयंबेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव और मारकंडेय महादेव में भी रहा।

शिवालयों के इर्द-गिर्द माला फूल बेचने वालों की चांदी रही। मदार की एक माला, कमल का फूल, बिल्व पत्र, धतूरा मिला कर 50-60 रुपये में बिका।

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