एनआईए को शक्तिशाली एजेंसी बनाया जायेगा
भारत के पास पाकिस्तान से निपटने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक जैसे अन्य तरीके हैं.
दिल्ली। लोकसभा ने सोमवार को ‘राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक 2019′ को मंजूरी दे दी जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भारत से बाहर किसी अनुसूचित अपराध के संबंध में मामले का पंजीकरण करने और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है।
निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आज जब देश दुनिया को आतंकवाद के खतरे से निपटना है, ऐसे में एनआईए संशोधन विधेयक का उद्देश्य जांच एजेंसी को राष्ट्रहित में मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म, जाति और क्षेत्र नहीं होता. यह मानवता के खिलाफ है. इसके खिलाफ लड़ने की सरकार, संसद, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है।.
रेड्डी ने कुछ सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान दक्षिणपंथी आतंक और धर्म का मुद्दा उठाये जाने के संदर्भ में कहा कि सरकार हिंदू, मुस्लिम की बात नहीं करती। सरकार को देश की 130 करोड़ जनता ने अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी है और जिसे चौकीदार के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार किया है। देश की सुरक्षा के लियए सरकार आगे रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की जिम्मेदारी हाथ में लेगी। एनआईए को शक्तिशाली एजेंसी बनाया जायेगा. सदन ने मंत्री के जवाब के बाद विपक्ष के कुछ सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर काबू पाने के लिए दक्षेस देशों के क्षेत्रीय समझौते (सार्क रीजनल कन्वेंशन ऑन सप्रेशन ऑफ टेररिज्म) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं, लेकिन भारत के पास उससे निपटने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक जैसे अन्य तरीके हैं. विधेयक चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण पर अमित शाह ने कहा, आतंकवाद का कोई राइट या लेफ्ट नहीं होता. आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है।
इससे पहले एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक देखने को मिली. ओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइये मत, जिस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर डर जेहन में है, तो क्या किया जा सकता है. चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि हैदराबाद के एक पुलिस प्रमुख को एक नेता ने एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था और कहा कि वह कार्रवाई आगे बढ़ाते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो जायेगी. इस पर असदुद्दीन ओवैसी अपने स्थान पर खड़े हो गये और कहा कि भाजपा सदस्य जिस निजी वार्तालाप का उल्लेख कर रहे हैं और जिनकी बात कर रहे हैं वो यहां मौजूद नहीं हैं।
सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कहा कि जब द्रमुक सदस्य ए राजा बोल रहे थे तो ओवैसी ने क्यों नहीं टोका? वह भाजपा के सदस्य को क्यों टोक रहे हैं? अलग-अलग मापदंड नहीं होना चाहिए. इस पर ओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो मुझे डराइये मत, मैं डरने वाला नहीं हूं. शाह ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा कि किसी को डराया नहीं जा रहा है, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है. शाह ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा की सरकार कानून से चलती है। इसमें जांच, अभियोजन और फैसले अलग-अलग स्तर पर होते हैं. सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करती.।
समझौता एक्सप्रेस मामले में अपील नहीं करने संबंधी ओवैसी की टिप्पणी पर शाह ने कहा कि इस मामले में संप्रग सरकार ने ही रुख बदलकर पहले पकड़े गये आरोपियों को छोड़ दिया और दूसरों को पकड़ लिया. क्या ओवैसी ने कभी संप्रग से यह सवाल पूछा कि आरोपियों को छोड़कर बेगुनाहों को क्यों पकड़ा गया? जब ओवैसी ने कहा, ब आप सरकार में आये हैं तो आप यह काम करिए, तो गृह मंत्री ने कहा कि वैसे आपकी यह इच्छी भी हम पूरी करेंगे।
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने धर्म का जिक्र किया और एनआईए कानून का दुरुपयोग किये जाने के विषय को भी उठाया. उन्होंने कहा, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि मोदी सरकार की एनआईए कानून का दुरुपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है और इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिय उपयोग किया जायेगा. कुछ सदस्यों द्वारा ‘पोटा’ (आतंकवादी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) का जिक्र किये जाने के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा, पोटा कानून को वोटबैंक बचाने के लिए भंग (निरस्त) किया गया था. पोटा की मदद से देश को आतंकवाद से बचाया जाता था. इससे आतंकवादियों के अंदर भय था, देश की सीमाओं की रक्षा होती थी. इस कानून को पूर्ववर्ती संप्रग की सरकार ने 2004 में आते ही भंग कर दिया।
इससे पहले विधेयक को विचार करने के लिए सदन में रखे जाने के मुद्दे पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने मत-विभाजन की मांग की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इस पर मत-विभाजन जरूर होना चाहिए. इसकी हम भी मांग करते हैं. ताकि पता चल जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन नहीं. मत विभाजन में सदन ने 6 के मुकाबले 278 मतों से विधेयक को पारित किये जाने के लिए विचार करने के वास्ते रखने की अनुमति दे दी।
इससे पहले विधेयक को विचार करने के लिए सदन में रखे जाने के मुद्दे पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने मत-विभाजन की मांग की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इस पर मत-विभाजन जरूर होना चाहिए. इसकी हम भी मांग करते हैं. ताकि पता चल जाये कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन नहीं. मत विभाजन में सदन ने 6 के मुकाबले 278 मतों से विधेयक को पारित किये जाने के लिए विचार करने के वास्ते रखने की अनुमति दे दी।
गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि इस संशोधन विधेयक का मकसद एनआईए अधिनियम को मजबूत बनाना है. आज आतंकवाद बहुत बड़ी समस्या है, देश में ऐसे उदाहरण हैं जब मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आतंकवाद के शिकार हुए हैं. आतंकवाद आज अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या है. ऐसे में हम एनआईए को सशक्त बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक एनआईए अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति का विषय है तो हम सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाना चाहते हैं. कई बार जज का तबादला हो जाता है, पदोन्न्ति हो जाती है, तब अधिसूचना जारी करना पड़ती है और इस क्रम में दो तीन माह चले जाते हैं. हम इसे रोकना चाहते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि एनआईए अदालत के जजों की नियुक्ति संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही करते रहेंगे, जिस तरह अभी प्रक्रिया चल रही है।