यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए सड़क हादसे में 30 लोगों की जान जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार हादसों को रोकने के लिए गंभीर हो गई है
सड़क हादसों को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है
लखनऊ ।
यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए सड़क हादसे में 30 लोगों की जान जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार हादसों को रोकने के लिए गंभीर हो गई है. सड़क हादसों को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. यह डिवाइस न सिर्फ सड़क हादसों पर रोक लगाएगी बल्कि बस ड्राइवरों को भी सतर्क होकर गाड़ी चलाने के लिए प्रेरित करेगी।
यूपीएसआरटीसी (उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) ने इसके लिए रोड सेफ्टी डिवाइस तकनीक इजराइल से मंगवाई है. इन डिवाइसों को परिवहन निगम की बसों में ट्रायल के लिए लगाया गया है. अगर ट्रायल सफल रहता है तो प्रदेश की बसों में इसका प्रयोग किया जाएगा. इस डिवाइस की कीमत लगभग 40 हजार रुपये है. यह डिवाइस बस में दो जगहों पर लगानी होती है जिसका एक सेंसर वाला हिस्सा बस के ठीक आगे लगाया जाएगा जिससे कि किसी भी टक्कर को सेंस करके उसे उसी समय पर ही रोका जा सके।
डिवाइस का मुख्य मॉनिटरिंग और कंट्रोलर वाला हिस्सा ड्राइवर के पास लगाया जाएगा. इस हिस्से में एलईडी लाइट के तीन बटन भी होंगे जिनमें ड्राइवर के लगातार गाड़ी चलाने पर नजर रखने की विशेषता होती है. अगर किसी वजह से ड्राइवर को नींद आ जाती है या फिर वो गाड़ी चलाने में लापरवाही बरतता है तो यह मॉनिटरिंग सिस्टम ड्राइवर को अलर्ट करेगा और उसे ठीक से गाड़ी चलाने के लिए एलर्ट करेगा. नींद या लापरवाही एक मिनट से ज्यादा वक्त तक होने पर ये डिवाइस अलार्म बजाएगी और फिर भी अगर डिवाइस को सब कुछ ठीक होने का संकेत नहीं मिलता है तो वो गाड़ी को बंद कर देगी. इसके बाद गाड़ी धीरे-धीरे चलकर रुक जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 8 जुलाई को आगरा के एत्मादपुर के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर एक बस के 30 फुट गहरे झरना नाले में गिरने से उसमें सवार 30 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 12 से अधिक लोग घायल हो गए थे।