सौ साल पूर्व मर चुकी सरोई नदी होगी जिंदा खेत और पेट दोनों की बुझाएगी प्यास

सदर विधायक की अनोखी पहल
सोनभद्र।जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरोई नदी अब पुनः एक बार अपने अस्तित्व में नजर आएगी।इसके लिए सदर विधायक ने पहल शुरू कर दी है।सोमवार देर शाम सिचाईं विभाग के अधिकारियों के साथ उन्होंने अस्तित्व खो चुकी नदी का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिकारियों के साथ उन्होंने विचार विमर्श किया कि इसमें पानी की उपलब्धता किस तरह सुनिश्चित की जाय।इस दौरान आस पास के गांवों के लोगों के भी सुझाव विधायक ने लिया।
सदर विधायक भूपेश चौबे ने इस नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प दुहराया और कहा कि इसमें पानी होने से इसके किनारे बसे गांवों धोबही, खडेहरी, अकक्षोर, बिजौली,आदि में किसानों को सीधे लाभ होगा। नदी में पानी घाघर नहर से किस तरह उपलब्ध होगा इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने के लिए उन्होंने कहा ।सरोई नदी घाघर नहर बनने से पूर्व मरकरी गांव की तरफ से आती है। मरकरी पुल से 700 मीटर दक्षिण से होते हुए यह बिठगांव गांव की सीमा में बेलन नदी में मिलती है।100 वर्ष पूर्व जब घाघर नहर का निर्माण हुआ तो नदी की धार अवरुद्ध हो गई और उसकी धारा को मोड़कर घाघर नहर की पूर्वी पटरी से लाकर अमौली गांव के पास बेलन नदी से जोड़ दिया गया।इसके बाद यह एक बरसाती नाले के रूप में हो गई। इसके पूर्व भी इस नदी के अस्तित्व के लिए सदर विधायक ने पहल की थी। वर्तमान में धोबही प्रधान सुशीला मिश्रा व भाजपा नेता संदीप मिश्रा ने नाले के रूप में तब्दील इस नदी की डेढ़ किलोमीटर खुदाई करा कर इसे नदी का स्वरूप प्रदान करने का प्रयास किया है।धोबही गांव में इसके किनारे आधा दर्जन तालाबों की खुदाई 5जून से 5 जुलाई के भीतर कराई है।
सदर विधायक भूपेश चौबे ने सिंचाई विभाग के लोंगों को कहा कि नदी में गर्मी में पानी कैसे आयेगा यह योजना उन्हें बनाकर मूर्त रूप में लाना हैं जन प्रतिनिधि के नाते मुझे क्या करना है यह बताया जाए।
इसके पूर्व रविवार की शाम बेलन के उद्गम स्थल भी सदर विधायक पहुंचे थे। वहां भी उन्होंने नदी को अस्तित्व में लाने का संकल्प दुहराया।
इस मौके पर गड़मान्य क्षेत्रीय लोग भी मौजूद थे।

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