बिजली दर में बढो़त्तरी पर मायावती ने जताया ऐतराज, सौभाग्य योजना को बताया दुर्भाग्य योजना

बिजली दरों की बढ़त के प्रस्ताव पर मायावती ने जताया विरोध

-भाजपा की सौभाग्य योजना को बताया दुर्भाग्य योजना

– सपा अध्यक्ष अखिलेश ने भी बिजली दर में भारी बढ़त को बताया गलत

लखनऊ।लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के खत्म होने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लोगों को महंगी बिजली की मार का झटका देने की तैयारी में है। गरीब परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन देने के बाद यूपी उप्र पावर कॉर्पोरेशन अब बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करने की तैयारी में है। इस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आपत्ति जताई। उन्होंने इसे बीपीएल ओपभोक्ताओं और किसानों के साथ धोखा बताकर वृद्धि के प्रस्ताव को वापस न लेने पर आंदोलन करने का ऐलान किया। वहीं बिजली दरों में बढ़त पर पहले सपा और कांग्रेस ने भी विरोध जताया। इसी कड़ी में अब बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने ऐतराज जताया है। उन्होंने इसे निन्दनीय बताकर सरकार की सौभाग्य योजना को दुर्भाग्य योजना बताया है।
यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति के साथ-साथ सर्वसमाज की बहन- बेटियों की जान व इज्जत-आबरू के सम्बंध में अराजकता जैसी स्थिति अति-दुःखद व अति-चिन्ता का विषय। सरकारी दावों के विपरीत पूरे प्रदेश में हर प्रकार के जघन्य अपराधों की बाढ़ से जनता में त्राहि-त्राहि।

यूपी की त्रस्त जनता व बीपीएल परिवारों पर भी बिजली की दरों में भारी वृद्धि करके उन्हें तेज झटका देने की सरकारी तैयारी घोर निन्दनीय। लोकसभा चुनाव के बाद क्या बीजेपी सरकार इसी रूप में यूपी की 20 करोड़ जनता को आघात पहुँचाएगी? यह वृद्धि सौभाग्य को दुर्भाग्य योजना में नहीं बदल देगी?

मायावती ने कहा, ”यूपी की त्रस्त जनता व बीपीएल परिवारों पर भी बिजली की दरों में भारी वृद्धि करके उन्हें तेज झटका देने की सरकारी तैयारी घोर निन्दनीय। लोकसभा चुनाव के बाद क्या बीजेपी सरकार इसी रूप में यूपी की 20 करोड़ जनता को आघात पहुँचाएगी? यह वृद्धि सौभाग्य को दुर्भाग्य योजना में नहीं बदल देगी?”

यूपी पावर कार्पोरशन ने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी के लिए यूपी विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा। कार्पोर्शन ने 2019-20 के लिए बिजली दर में बढ़ोत्तरी के लिए जो प्रसाताव भेजा है, उसे सबसे ज्यादा बीपीएल उपभोक्ताओं के बिल में की गई है। वहीं घरेलू ग्रामीण (अनमीटर्ड) में 400 रुपये किलोवाट प्रतिमाह से उसे बढ़ाकर 500 रुपये किलोवाट प्रतिमाह कर देने का प्रस्ताव है।

1 अप्रैल 2019 से ग्रामीणों की अनमीटर्ड दरों को 300 से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिमाह किया गया। मगर ग्रामीण 24 घंटे बिजली के फायदे से दूर ही रखे गए। उल्टा उन्हें बढ़ा हुआ दर देना पड़ा। अब एक बार फिर उनके लिए बिजली दर को 400 रुपये किलोवाट प्रतिमाह से बढ़ाकर 500 रुपये किलोवाट प्रतिमाह किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

*फिक्स चार्ज के नाम पर धोखा

बिजली दरों के साथ फिक्स चार्ज में भी बढ़त करने का प्रस्ताव है। बिजली कंपनियों ने शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्ज 100 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, बीपीएल कनेक्शन पर फिक्स चार्ज 50 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ाकर 75 रुपये प्रति किलोवाट का प्रस्ताव है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि फिक्स चार्ज पर बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ अन्याय कर रही हैं। इसे रोकने के लिए प्रस्तावित बिजली दर के मु्द्दे पर प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव वापस लेने की भी मांग की।

*अखिलेश ने भी जताया विरोध

बिजली की दरों में बढ़ावा करने के प्रस्ताव पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी विरोध जताया। उन्होंने भाजपा सरकार को जनविरोधी सरकार बताया है। अखिलेश ने कहा कि यूपी पावर कारपोरेशन ने 2019-20 के लिए शहर से लेकर गांवों तक की घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 फीसदी वृृद्धि की तैयारी से बिजली उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली के दाम बढ़ाना बीपीएल परिवारोें और मध्यवर्ग के साथ अन्याय है। भाजपा सरकार में जहां एक ओर बिजली की आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है वहीं दूसरी तरफ बिजली दरों में प्रस्तावित वृृद्धि जनता पर दोहरी मार है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में विद्युत मांग 24,000 मेगावाट है। जबकि पिछले दो साल में 6,000 मेगावाट की अतिरिक्त मांग मे वृृद्धि हुई है।

*बिजली दर में है इस तरह बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव*

*यूनिट वर्तमान दर प्रस्तावित वृद्धि*

0-150 4.90 रुपये 6.20 रुपये
151-300 5.40 रुपये 6.50 रुपये
301-500 6.20 रुपये 7 रुपये
500 से ज्यादा 6.50 रुपये 7.50 रुपये
घरेलू (बीपीएल) 3 रुपये से 100 यूनिट 3 रुपये से 50 यूनिट तक
घरेलू ग्रामीण (अनमीटर्ड) 400 रुपये किलोवाट प्रतिमाह 500 रुपये किलोवाट प्रतिमाह

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