
14 दिन बढ़ायी गयी न्यायिक रिमांड की अवधि, कार्यालय के सर्च वारंट पर सुनवाई की तिथि नहीं हुई तय
वाराणसी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा नियंत्रक रही अंजू लता कटियार को बुधवार को कोर्ट ने फिर झटका दिया है। प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एंटी करप्शन) राजेश्वर शुक्ला की अदालत में अंजू लता कटियार की पेशी हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड की अवधि बढ़ा दी है इसके बाद अंजू कटियार को फिर से जेल भेज दिया गया है। बताते चले कि क्राइम ब्रांच ने जब परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था तो उस समय 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था वह अवधि १२ जून को खत्म हो रही थी जिसे कोर्ट ने बढ़ा दी है।
यूपीपीएससी के एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक प्रकरण में फंसी अंजू लता कटियार की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोर्ट ने पहले ही उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इसके बाद उनकी न्यायिक रिमांड की अवधि भी बढ़ायी जा चुकी है। प्रकरण के विवेचक व सीओ पिंडरा अनिल राय ने कोर्ट ने यूपीपीएससी के कार्यालय व अभिलेखों की जांच के लिए सर्च वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने संबंधित कोर्ट में जाने का आदेश दिया था। संबंधित कोर्ट ने अभी सर्च वारंट पर कोई तिथि तय नहीं की है इसलिए अभी इस मामले में सुनवाई नहीं हो पायी है। सीओ पिंडरा अनिल राय ने बताया कि कोर्ट ने अंजू लता कटियार की 14 दिन की न्यायिक रिमांड की अवधि बढ़ा दी गयी है।
सबूतों को जुटाने में जुटी है एसआईटी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके बाद एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया है। इसके बाद एसआईटी लगातार सबूतों को जुटाने में लगी है। एसआईटी जानती है कि यह हाई प्रोफाइल प्रकरण है इसमे जांच में लापरवाही हुई तो कानून समस्या खड़ी हो सकती है इसलिए जांच टीम लगातार साक्ष्यों को जुटाने में लगी है।
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