बसपा सुप्रीमों ने ट्वीट के जरिए अपनी भावनाओं को किया उजागर
लखनऊ। यूपी की सियासत में सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बीमारी, योगी आदित्यनाथ का अचानक मुलायम से मिलने पहुंचना, इसके बाद बंद कमरे में मुलायम की मौजूदगी में अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह की कथित चर्चा ने प्रदेश की सियासत में मंथन शुरू कर दिया है। इसी दरम्यान चुप्पी साधे बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपने बयान से हलचल मचाई है। मायावती ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेप कांड में दरिंदों को कड़ी सजा देने के कोर्ट के फैसले को काफी सराहा है। मायावती ने इस फैसले की बाबत ट्वीट भी किया है।
*मायावती की टिप्पणी पर भाजपा ने चुप्पी साधी
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि कोर्ट के कठुआ की मासूम बच्ची रेप-मर्डर केस में तीन दरिंदों को उम्रकैद और तीन अन्य को पांच वर्ष कैद की सजा देने के बाद संभव है कि लोगों में कानून का कुछ डर पैदा होगा। उन्होंने कहा कि हो मुमकिन है कि कानून के भय से देश के अन्य दरिंदे अपनी हरकतों से बाज आएंगे। मायावती ने कहा कि कानून से कानून का राज कायम करने के लिए देश में हर जगह ऐसी सजा निश्चित रूप से नजीर बनेगी। अब बेहद जरूरी हो गया कि किसी भी हालत में इस तरह का कृत्य करने वाले बचने नहीं पाएं। मायावती ने कहा कि सभ्य समाज में बच्ची व महिलाओं के साथ अपराध अक्षम्य अपराध की श्रेणी में है। इस तरह के कृत्य को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने के बाद कुछ लोगों में भय तो जरूर व्याप्त होगा और कानून का सम्मान होगा।
*यह हुआ था कठुआ में मासूम के साथ
गौरतलब है कि दहला देने वाले जम्मू-कश्मीर के कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के दोषियों को कल आखिर सजा मिल गई। पठानकोट के जिला व सत्र न्यायालय ने 373 दिन की सुनवाई के बाद 380वें दिन सोमवार को आठ आरोपितों में छह को दोषी पाया। इनमें सांझी राम, दीपक खजूरिया (एसपीओ) और प्रवेश कुमार को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए उम्र कैद और करीब चार-चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। एसपीओ सुरेंद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हेडकांस्टेबल तिलक राज को सुबूत मिटाने के लिए पांच-पांच साल कैद और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। मुख्य आरोपित सांझीराम के बेटे विशाल जंगोत्र को अदालत ने बरी कर दिया। आठवां आरोपित नाबालिग होने के कारण अदालत की प्रक्रिया से बाहर रहा। दोषियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। विशाल को घटना के दिन ही मुजफ्फरनगर (उप्र) के एक एटीएम से पैसे की निकासी के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बरी किया। जम्मू-कश्मीर में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की जगह रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) लागू होती है, इसलिए दोषियों को आरपीसी के तहत ही सजाएं सुनाई गई हैं।