कैबिनेट सचिव देश के नौकरशाही का सर्वश्रेष्ठ पद होता है।
पीएम मोदी की टीम में इस पद पर कार्यरत लोगों को खास तवज्जो मिलती है।
एक पीएम मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कैबिनेट सचिव की टीम को ही पीएमओ के सबसे प्रभावशाली टीम के तौर देखा जाता है।
नई दिल्ली ।
केन्द्र सरकार ने कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा को तीन महीने का सेवा विस्तार देने के लिए 60 साल पुराने नियम में बदलाव किया है. कैबिनेट सचिव की नियुक्ति दो साल के तय कार्यकाल के लिए होती है. अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के मुताबिक, सरकार कैबिनेट सचिव को सेवा विस्तार दे सकती है, लेकिन उनका कुल कार्यकाल चार साल से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. प्रदीप कुमार सिन्हा अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने जा रहे हैं. लेकिन मोदी सरकार ने नियम ही बदल दिया।
संशोधित नियमों के अनुसार, केन्द्र सरकार चार साल के कार्यकाल के बाद भी कैबिनेट सचिव को अधिकतम तीन महीने का कार्य विस्तार दे सकती है. नियम में बदलाव के तुरंत बाद सरकार ने सिन्हा को तीन महीने का कार्य विस्तार देने की घोषणा की है. इसके साथ ही सिन्हा कैबिनेट सचिव के तौर पर सबसे लंबे वक्त तक काम करने वाले देश के पहले नौकरशाह बन जाएंगे।
कैबिनेट सचिव देश के नौकरशाही का सर्वश्रेष्ठ पद होता है. पीएम मोदी की टीम में इस पद पर कार्यरत लोगों को खास तवज्जो मिलती है. एक पीएम मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कैबिनेट सचिव की टीम को ही पीएमओ के सबसे प्रभावशाली टीम के तौर देखा जाता है. ऐसे में प्रदीप कुमार सिन्हा के सेवानिवृत होने से टीम के संयोजन में बदलाव आ जाता, जबकि पीएम मोदी ने पिछले महीने ही दोबारा पीएम पद का कार्यभार संभाला है।
इसलिए तत्काल किसी बड़े बदलाव की ओर बढ़ने की तुलना में सिन्हा को तीसरी बार कार्य विस्तार दिया गया है, इससे पहले उनका कार्यकाल 2017 और 2018 में एक-एक साल के लिए बढ़ाया गया था. कार्मिक मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने 12 जून, 2019 के बाद सिन्हा को तीन महीने का कार्य विस्तार दिया है. सिन्हा को मई 2015 में दो साल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया ।
★ तीन महीने बाद कौन लेगा पीके सिन्हा की जगह?
केंद्रीय गृहसचिव राजीव गाबा, पीके सिन्हा के बाद अगले कैबिनेट सेक्रेटरी हो सकते हैं. गाबा ने केंद्र सरकार के कई विभागों में काम किया है, और बिहार व झारखंड सरकार में कई पदों पर रह चुके हैं. बताया जा रहा है कि 31 अगस्त को गृह सचिव के रूप में उनका दो साल का कार्यकाल खत्म होगा. माना जा रहा है कि 1987 बैच के आईएएस ऑफीसर और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम गाबा के बाद इस पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं।
★ 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं गाबा
1982 बैच के आईएएस अधिकारी गाबा की नियुक्ति अगर इस पद पर की जाती है तो वह दो सालों के लिए इस पद पर बने रहेंगे. हालांकि, आगे के दो सालों के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. अभी तक इस पद पर पीके सिन्हा हैं जिनकी नियुक्ति 2015 में की गई थी. बाद में 2017 और 2018 में उनके कार्यकाल को दो सालों के लिए बढ़ा दिया गया था. पीके सिन्हा के पहले अजीत कुमार सेठ और केएम चंद्रशेखर दोनों चार-चार साल के लिए इस पद पर रह चुके हैं. सेठ की नियुक्ति यूपीए ने 2011 में की थी, जिनका कार्यकाल 2014 तक बना रहा।