आरक्षण प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे सामान्य वर्ग के छात्र

ईबीसी कोटे का विकल्प चुन चुके छात्रों के सिर पर लटक रही दाखिला निरस्त होने की तलवार-शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त न होने से अटके प्रमाण पत्रलखनऊ। सामान्य वर्ग के आरक्षण को लेकर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के बाद आर्थिक रूप से कमजोर युवा जाति प्रमाण पत्र व आरक्षण प्रमाण पत्र के लिए जिलाधिकारी कार्यालय व तहसील का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन जिला एवं तहसील प्रशासन का कहना है कि अभी कोई शासनादेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। शासन से दिशा निर्देश प्राप्त होने के बाद ही आरक्षण प्रमाण पत्र जारी किये जाएंगे। प्रमाणा पत्र जारी न होने से नौकरी व दाखिले के आवेदन करने वाले छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। स्थिति यह है कि ईबीसी कोटे की सीटों का विकल्प चुन चुके छात्रों के सिर पर दाखिला निरस्त होने की तलवार लटक रही है।गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए संविधान में 103वां संशोधन अधिनियम के जरिए प्रावधान किया है। केंद्र के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की घोषणा कर दिया है। लेकिन आरक्षण के लाभ के लिए किस तरह के प्रमाण पत्र बनना है अब तक किसी को भी जानकारी नहीं है। ऐसे में युवा, छात्र और अभिभाव तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शासन और राजस्व विभाग में इस बाबत बातचीत हो रही है, दोनों स्तर पर सहमति के बाद ही इस संबंध में गाइड लाइन जारी होगी।आर्थिक आरक्षण के लिए बनाए गए अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए आय एवं संपत्ति का प्रमाणपत्र उस जिले व क्षेत्र के जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार जारी करेंगे। इसके लिए सक्षम प्राधिकारी आवेदक के परिवार की विभिन्न स्थानों व शहर में अर्जित भूमि और संपत्ति का परीक्षण करते हुए नियमानुसार प्रमाणपत्र जारी करेंगे। इसमें यह भी व्यवस्था की गई कि प्रमाणपत्र उसी प्रारूप में जारी होगा, जो शासन द्वारा दिया जाएगा। शासनादेश फरवरी से देशभर में संबंधित अधिकारियों को भेजा जा चुका है, बावजूद इसके शासन ने यह प्रारूप अभी तक जारी नहीं किया है।

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