अरविन्द दुबे की ग्राउंड रिपोर्ट,लोकसभा चुनाव 2019 कि समीक्षा पड़ताल

चोपन /सोनभद्र (अरविन्द दुबे)
अरविन्द दुबे की ग्राउंड रिपोर्ट।

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-लोकसभा चुनाव 2019 कि समीक्षा पड़ताल- लोकसभा क्षेत्र रावर्टसगंज के विधानसभा ओबरा में 2019 के लोकसभा चुनाव का अंतिम सफर 19 मई को सातवें वह अंतिम चरण का मतदान हुआ। जिसके बाद सभी राजनीतिक दल अपने- अपने चुनावी पैमाने के नाप-तोल से जीत हार की समीक्षा करने में लगे हुए हैं। जिसका पूर्णतया परिणाम तो आने वाले 23 मई को ही आएंगे ,किंतु इसी कड़ी में हमारी snc की टीम रावर्टसगंज लोकसभा क्षेत्र के ओबरा विधानसभा में जमीन पर जाकर चुनावी धुरी की समीक्षा की जिसमें अलग -अलग मतदाताओ ने अपने मतदान का कारण बताते हुए हमसे बात की। बता दें कि रावर्टसगंज लोकसभा सीट अनसूचित जाति रही, जिसके महागठबंधन से सपा -बसपा व रालोद के संयुक्त प्रत्यासी भाई लाल कोल तो वही भाजपा गठबंधन अपना दल से पकौड़ी लाल कोल को प्रत्यासी बनाया गया। साथ ही काग्रेस के रावर्टसगंज लोकसभा प्रत्यासी भगवती प्रसाद चौधरी एवं सपा से अलग हुए नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कि प्रत्यासी दुद्धी विधानसभा पूर्व विधायक रूबी प्रसाद रही ।अगर जातिगत ध्रुवी पर बात करें वोट बैंक की जो गठबंधन के कैडर मतदाता मुख्य रूप से दलित एवं पिछड़े में खासकर यादव से आते हैं ,पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी रूबी प्रसाद के आ जाने से उनके वोट बैंक में कुछ हद तक सेंधमारी की गई है। एक ओर सपा यादव व मुस्लिम को अपना सबसे बड़ा वोट बैंक मानती चली आई है तो वहीं बसपा का सबसे बड़ा वोट बैंक दलित है, दोनों ही पार्टियों के पास कुछ अन्य पिछड़ी जाति के भी मतदाता साथ रहते हैं ,पर रूबी प्रसाद के आ जाने से कुछ मतदाता महागठबंधन के उनकी ओर गए तो भाजपा में बाहरी एवं गैर भाजपा प्रत्यासी आने से नाराज चल रहे। कुछ मतदाता सहित  अन्य मतदाता जो पकौड़ी लाल कोल के मैदान में उतारे जाने से नाराज होकर रूबी के समर्थन में चले गए जहां तक बात की जाए पटेल बिरादरी की वह गठबंधन से अपना दल का प्रत्यासी बने। पकौड़ी लाल कोल के पास लगभग सभी पटेल जाति के मतदाता उनके पाले में ही बने रहे ।तो वही दलित बिरादरी में सरोज सोनकर कनौजिया समेत आज भी भाजपा के साथ दिखे। किंतु गौतम बिरादरी के लगभग अधिकांस मतदाता गठबंधन के पाले में ही दिलचस्पी दिखाई ।
गौरतलब हो कि इस विधानसभा में भाजपा के साथ सवर्णों में ब्राह्मण, क्षत्रिय ,बनिया वर्ग से भी भरपूर मतदान प्राप्त हुआ ।किंतु ओबरा विधानसभा के सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र जुगैल में अधिकतर मतदाता अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति आदिवासी के रूप में आते हैं ।जिनका मत भी निर्णायक में सहायक होगा। उनसे बात करते हुए कुछ ने देश के प्रधानमंत्री मोदी के कार्यशैली से संतुष्ट नजर आए, उनके शौचालय ,गैस विद्युतीकरण आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के कारण खासकर महिला मतदाताओं ने अपना समर्थन मोदी के रूप में करने की बात कही ,चुनावी पंडितों की मानें तो अधिकतर शिक्षित एवं सहरी मतदाता भाजपा अपना दल संयुक्त प्रत्याशी पकौड़ी लाल कोल में अपना विश्वास जताया तो वही ग्रामीण क्षेत्र से कुछ मतदाताओं ने अभी भी महागठबंधन के पाले में होने की बात कही ।देखना यह दिलचस्प होगा कि गेंद मतगणना के दिन किस पाले में बैठती है, पर यह बात स्पष्ट होती नजर आ रही कि यहां महागठबंधन एवं भाजपा अपना दल प्रत्यासी में ही प्रतिस्पर्धा नजर आ रही। बाकी अन्य सभी दल के प्रत्याशी लड़ाई से बाहर दिख रहे हैं अगर सर्वे की माने तो ।
फिर हाल जितने वाले प्रत्यासी एवं समर्थक अपने अपने चुनावी गड़ित से जितने का दावा करते नजर आ रहे पर अधिकतर मतदाता पकौड़ी लाल कोल का पलड़ा भारी बता रहें। वही ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता महागठबंधन के जितने की बात कर रहें ।
जिसका अंतिम रिजल्ट 23 मई को आएगा।

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