गेहूं खरीद के लिए बने क्रय केंद्र को शुरू करने की मांग को लेकर आत्मदाह करने व फसल जलाने पहुंचे किसानों ने आक्रोश व्यक्त किया

घोरावल/सोनभद्र (अनुराग कुमार) गेहूं खरीद के लिए बने क्रय केंद्र को शुरू करने की मांग को लेकर आत्मदाह करने व फसल जलाने पहुंचे किसानों ने आक्रोश व्यक्त किया।
image
गत दिनों 50 किसानों ने 29 अप्रैल को पूर्व प्रधान मधका गोविंद सिंह के नेतृत्व में घोरावल एसडीएम विजय प्रकाश तिवारी को ज्ञापन देकर बताया था कि गेहूं खरीद के लिए बनाए गए क्रय केंद्र सिरसाईं सहकारी साधन समिति को बंद कर दिया गया है।किसानों ने कहा कि अगर  गेहूं खरीद शुरू नही की गई तो दर्जनों किसान क्रय केंद्र पर पहुंचकर आत्मदाह करेंगे और अपनी गेहूं की फसलों आग के हवाले कर देंगे।मांग पूरी न होने से आक्रोशित क्षेत्र के  करीब 50 किसान शुक्रवार सुबह सिरसाईं साधन सहकारी समिति पुरना पहुंचे और हंगामा व नारेबाजी करने लगे।मौके पर पांच ट्रैक्टरों पर लकड़ी, तेल व बोरियां व 70 कुंतल गेहूं लेकर आत्मदाह करने की जानकारी मिलते ही एसडीएम विजय प्रकाश तिवारी,डिप्टी आरएमओ, कोतवाल शिवकुमार मिश्रा, एडीओ सहकारिता बद्रीसिंह पटेल आदि समिति की खरीद केंद्र पर पहुंचे।किसानों ने मौके पर पहुंचे एसडीएम को जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन देकर बताया कि इस वर्ष धान खरीद में गड़बड़ी को लेकर इस क्रय केंद्र को पीसीएफ द्वारा निरस्त कर दिया गया।इस क्रय केंद्र को तत्काल बहाल किए जाने की मांग की।इस पर एसडीएम ने जिलाधिकारी व अन्य सम्बंधित उच्चाधिकारियों से फोन पर वार्ता की।उन्होंने कहा किसानों की मांग मान ली गई है और एक दो दिन में गेहूं खरीद का आश्वासन दिया।इस मौके पर अवधेश कुमार,कैलाश सिंह,विद्याशंकर,अशोक कुमार, गुलाब, गंगासागर, बाबूलाल, अरुण कुमार सिंह इत्यादि मौजूद रहे।वहीं दूसरी ओर घोरावल ब्लॉक के पिपरवार गांव स्थित गोदाम पर  गेंहू खरीद केंद्र पर दलालों व बाहरी लोगों के हस्तक्षेप से किसान परेशान हो गए हैं।क्षेत्र के कई किसानों का आरोप है कि जब किसान खरीद केंद्र पर पहुचते हैं तो वहाँ दबंग व मनबढ़ लोगों बदसलूकी करते हैं।भारी कर्ज व जिम्मेदारियों से दबे किसानों के अनाज जब खरीद केंद्र पर बेचने की बारी आती है तो दलालों की सक्रियता से परेशानी का सामना करना पड़ता है।बताते चलें कि इस समय गेंहू खरीद केंद्र पिपरवार पर कई दलाल व बाहरी दबंगों  के चलते किसानों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।खरीद केंद्र पर किसानों को खुले आसमान में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है इनके लिए पेयजल की भी व्यवस्था नदारत है,यह जांच का विषय है।

Translate »