Happy Republic Day/ 26 जनवरी को ही लिया गया पूर्ण स्वराज का संकल्प; जानिए कुछ रोचक बातें

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नई दिल्ली. Republic Day 2019: इस साल हम 70वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस (Republic Day) एक राष्ट्रीय पर्व है और इसे हर देशवासी मनाता है। गणतंत्र दिवस के इतिहास Republic Day History पर नज़र डालें तो 26 जनवरी 1950 को इसी दिन हमारा देश गणराज्य घोषित किया गया था। गणतंत्र दिवस से जुड़ी जानकारी Republic Day Information दें तो इस दिन दिल्ली के राजपथ पर मुख्य समारोह होता है और परेड का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय महत्व और संस्कृति से जुड़ी झांकियां भी निकाली जाती हैं। शिक्षण संस्थाओं में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। दिल्ली में होने वाली परेड में देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। यहां हम आपको गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बता रहे हैं।

पूर्ण स्वतंत्रता का संकल्प भी इसी दिन
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सत्ता से पूर्ण स्वराज्य यानी पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने का संकल्प लिया था। आज़ादी के पहले इसे ही स्वतंत्रता दिवस अथवा पूर्ण स्वराज्य दिवस के रूप में मनाया जाता था। भारत 26 जनवरी 1950 को 10:18 बजे गणराज्य बना और करीब छह मिनट बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में गणराज्य के पहले राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण की।

24 जनवरी 1950 को बना राष्ट्रगान
भारतीय संविधान 2 साल 11 माह और 18 दिन में लिखा गया। डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व किया। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 444 अनुच्छेद 22 भागों व 12 अनुसूचियों में बांटा गया था। इसमें 'स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व' की अवधारणा फ्रांसीसी संविधान से प्रेरित है जबकि पंचवर्षीय योजना की प्रेरणा सोवियत संघ के संविधान से ली गई। 'जन गण मन' को संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया।

एक खास गीत
गणतंत्र दिवस परेड में बजाई जाने वाली धुन में एक ईसाई गीत की धुन भी है। 'अबाइड विद मी' नामक यह गीत महात्मा गांधी के प्रिय गीतों में से एक माना जाता है। इसमें न सिर्फ भारतीय गणराज्य में गांधीजी की भूमिका व्यक्त हुई है बल्कि गणराज्य का वास्तविक अर्थ भी बताया गया है। गणतंत्र दिवस की पहली परेड मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में हुई थी, जिसे 15 हजार से अधिक दर्शकों ने देखा था। तीन दिवसीय समारोह बीटिंग द रीट्रिट की पेरड के साथ संपन्न होता है। वही राजपथ के अलावा गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग संस्थानों में भी कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें देशभक्ति से जुड़े गीतों Patriotic Songs पर परफॉर्म किया जाता है।

इस बार की परेड में क्या खास?
परेड की शुरुआत सुबह दस बजे विजय चौक से होगी और राजपथ से होते हुए लगभग डेढ घंटे बाद इसका समापन लाल किले पर होगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। परेड शुरू होने से पहले सेना का एम आई -17 हेलिकॉप्टर राजपथ और सलामी मंच पर पुष्प वर्षा करते हुए गुजरेगा। इसके बाद परेड कमांडर राष्ट्रपति को सलामी देंगे। 70वें गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के सैनिक पहली बार शामिल होंगे। नेताजी की फौज के चार पूर्व सैनिक परेड में हिस्सा लेंगे। इन सभी की उम्र 90 साल से अधिक है।

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