अपने आप साफ होने वाली दुनिया की पहली बोतल, अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से एक मिनट में मरेंगे 99 फीसदी बैक्टीरिया

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लाइफस्टाइल डेस्क. सैन फ्रांसिस्को की स्टार्टअप कंपनी ने दुनिया की ऐसी पहली बोतल बनाई है जिसे लंबे समय तक धोने की जरूरत नहीं पड़ती। यह अपने आप ही साफ हो जाती है। इसमें यूवी-सी एलईडी माइक्रोचिप का इस्तेमाल किया गया है जो पानी को फिल्टर करने के साथ इसमें मौजूद जीवाणुओं को नष्ट करने का काम करता है। इसे लार्क नाम दिया गया है और कीमत 6,600 रुपए है।

  1. कंपनी के मुताबिक, करीब तीन हफ्तों के इस्तेमाल के बाद इसे धोना पड़ता है। एक बार चार्ज करने पर इसकी बैट्री एक महीने तक चलती है। बोतल को पतला रखा गया है ताकि इसे ले जाने में दिक्कत न हो। साथ ही ठंडा पानी रखने पर बाहर बूंदें नहीं दिखतीं। इसमें मौजूद तकनीक खासतौर पर ऐसे बैक्टीरिया और वायरस को पकड़ने का काम करती है जो ज्यादातर नमीं वाले स्थानों पर पनपते हैं।

  2. बोतल को साफ करने के लिए दो तरह के विकल्प दिए गए हैं। एक बार बटन दबाने पर नाॅर्मल मोड में और दो बार बटन दबाने पर एडवेंचर मोड में सफाई होती है। कंपनी का दावा है इससे 99 फीसदी बैक्टीरिया और वायरस को खत्म किया जा सकता है। बोतल में लगा ढक्कन 280 नैनोमीटर वाली यूवी किरणें निकालता है। जब ये किरणें बोतल में अवशोषित हो जाती हैं तो इसमें मौजूद बैक्टीरिया और वायरस का डीएनए केमिकल बॉन्ड नष्ट हो जाता है और ये खत्म हो जाते हैं।

  3. कंपनी का कहना है कि बोतल बिना फिल्टर, मरकरी और ओजोन के पानी का साफ करने में सक्षम है। यह दुनिया का एकमात्र मरकरी मुक्त पानी साफ करना वाला सिस्टम है। बोतल हर दो घंटे में सफाई करती है, इस दौरान इस पर 10 सेकंड के लिए ब्लू रिंग दिखता है। बोतल जीवाणुओं को निकालने में कितनी कारगर है, कंपनी ने इसकी जांच कैलिफोर्निया की हैरेंस लैब में की थी। जांच में सामने आया कि यह एक मिनट में 99.97 फीसदी और 3 मिनट में 99.99 फीसदी ई-कोली बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है।

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      The worlds first self cleaning water bottle use light to kill over 99% of bacteria in just one minute

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